मेरे मासूम देश के ज़ालिम हुक्मरानों !
इन्सान की खाल ओढ़े हुए हैवानों !
तुम्हें ज़रा भी लज्जा नहीं आती अपने आप से....हराम का सीमेन्ट,
सरिया,लोहा, लंगड़ खा खा कर क्या तुम इतने कठोर हो गये हो कि
तुम्हे भारत माँ का आर्तनाद भी अब सुनाई नहीं देता ? करोड़ों
लोगों का हुजूम दिखाई नहीं देता ?
74 -75 साल का एक बुजुर्ग आदमी पिछले 11 दिन से केवल
पानी पी कर ज़िन्दा है और तुम तमाशा देख रहे हो ?
शर्म आनी चाहिए तुम्हें मेरे मुल्क के नेताओं ! जो काम तुम्हारा
था, जिस काम के लिए तुमको भेजा गया था वह आज अन्ना
के नेतृत्व में अगर अवाम कर रहा तो तुम उसका समर्थन
करने के बजाय उसका विरोध कर रहे हो ?
थू है तुम पर...........और तुम्हारी हिजड़ा पार्टियों पर
देश से भ्रष्टाचार मिटाने के लिए यदि देश के नागरिकों को
अनशन पर बैठना पड़े तो राम ही राखे इस देश को ...
जय हिन्द !
18 comments:
sach kaha, jis desh me bhrashtaachar mitaane ke liye janta ko anshan karna pade aur sarkaar virodh kare us desh ka malik ram hi hai
vande matram
खत्री जी इन पर मत थूकिये... इन नेताओं पर थूक कर आप अपने थूक का ही आपमान करेंगे ये उस काबिल भी नहीं है
अगर इनको कोई चिंता होती देश की तो जो कोशिशे आज हो रही हैं वो ९-१० दिन पहले ही शुरू हो गई होती लेकिन इन नेताओं की तो शायद यही चाहत है है की ये बुजुर्ग यही अनशन करते हुए मर जाये और फिर कभी कोई अनशन का नाम ना ले
albela ji aap kitni bhi ungli karo - in gaindon ko gudgudi nahin hogi...inke to baans karna hoga tabhi inhen khabar padegi ki janta jaag uthi hai
jai ho janta janardan ki
jai hind !
वाह वाह .......अति सुन्दर..अत्यंत सारगर्भित आलेख लिखा है आपने .
ऐसे हालात में राम ही राखे इस देश को.........
बहुत मोटी चमड़ी के हैं ये।
हृदयहीन लोगों का इलाज सिर्फ जनता ही करेगी।
बहुत खूब
क्या कहा जाए ??
थू है ....
हिजड़ा पार्टियों पर ...
BJP ke alaawa par ...
जय हिन्द !
बिलकुल खत्री साहब, अब वक़्त आ गया है कि आप बाबा की गदा उठा लीजिये, और लगा दीजिये आग उन हरामखोरों की लंका में जैसे कभी बाबा ने लगाईं थी....हम हमेशा आपके साथ खड़े हैं और रहेंगे पानी लेकर.....
Harami hain sab ke sab sale
अब पता चल रहा है कि इन्हें देश की बागडोर सम्भालने के लिए भेज कर कितनी बड़ी गलती की है हम लोगों ने।
देश से भ्रष्टाचार मिटाने के लिए यदि देश के नागरिकों को
अनशन पर बैठना पड़े तो राम ही राखे इस देश को ...
आपकी इस उत्कृष्ट प्रवि्ष्टी की चर्चा आज के चर्चा मंच पर भी की गई है!
सब के अंतर का आक्रोश आपकी पंक्तियों में समाहित है...
सादर बधाई...
जयहिंद
hamari dil ki baato ko apne awaz di......bilkul sach
प्रियवर अलबेला जी
सादर वंदे मातरम् !
मेरे मासूम देश के ज़ालिम हुक्मरानों !
इन्सान की खाल ओढ़े हुए हैवानों !
तुम्हें ज़रा भी लज्जा नहीं आती
आपने अपने अंदाज़ में फटकारा है …
## इधर सरकार अन्ना के अनशन के 12वें दिन भी बेशर्मी दिखलाते हुए बहस पर अपने वोटिंग के वादे से मुकर गई है … एक और धिक्कार है इस सरकार को !!
मेरी पोस्ट पर आपका भी इंतज़ार है ,
काग़जी था शेर कल , अब भेड़िया ख़ूंख़्वार है
मेरी ग़लती का नतीज़ा ; ये मेरी सरकार है
वोट से मेरे ही पुश्तें इसकी पलती हैं मगर
मुझपे ही गुर्राए … हद दर्ज़े का ये गद्दार है
मेरी ख़िदमत के लिए मैंने बनाया ख़ुद इसे
घर का जबरन् बन गया मालिक ; ये चौकीदार है
पूरी रचना के लिए मेरे ब्लॉग पर पधारें … आपकी प्रतीक्षा रहेगी :)
विलंब से ही सही…
♥ स्वतंत्रतादिवस सहित श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं !♥
- राजेन्द्र स्वर्णकार
बहुत खूब
" dil jeet liya ...saaf alfaz me makhhan lagakar kaske maare hai ....waah ! "
jai ho
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