गुमशुदा रचना की तलाश में अपने मुख्य ब्लॉग पर कल एक पोस्ट मैंने
किसलिए लगाईं थी, यह तो मैं ख़ुद नहीं जानता, लेकिन परिणाम बड़ा अच्छा
आया, ये मैं जानता हूँ . जिस ब्लॉग पर रक्तदान जैसे संवेदनात्मक विषय पर
पाठकों की संख्या केवल तीन अंकों में थी, मेरी रचना का जादू ऐसा चला
कि पाठक संख्या सीधे चार अंकों में पहुँच गयी .
पहले मैं समझता था कि लोग ज़्यादातर केवल जापानी तेल, सेक्स, सविता
भाभी, जवानी और छाती से छाती मिली जैसी शब्दावलियाँ ही बांचते हैं . लेकिन
आज मुझे एहसास होगया कि यहाँ मेरी रचना भी काफी हॉट है . लिहाज़ा
मैंने निर्णय कर लिया है कि मैं भी अब अपने ब्लॉग पर फिर से लिखना शुरू करूँगा
.....और अन्य ब्लोग्गर बन्धुओं की रचनाएं बांच कर उन्हें लगातार टिप्पणियां
भी दूंगा . इससे दो फ़ायदे एक साथ होंगे, एक तो ये कि मुझे नई नई रचनाओं
को पढने का अवसर मिलेगा, दूसरा मैं जिन्हें टिप्पणियां दूंगा, वे भी ब्लॉग पर आयेंगे
मेरी रचना का आनंद लेने के लिए ............
जय हिन्द !
2 comments:
ekdam sahi bat likhi hai . aabhar .
धन्यवाद आदरणीय रेखा जी
सादर
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