क़रम हो मालिक का गर तो राई भी परबत बने
आदमी को चाहिए .......कमज़ोर की ताक़त बने
दिल्लगी अच्छी नहीं मज़लूम और लाचार से
बन पड़े ईसा बने.....वहशी दरिन्दा मत बने
hindi hasyakavi sammelan in mangalore by MRPL
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शानदार, शानदार, शानदार …………………
शानदार और जानदार रहा मंगलूर रिफ़ाइनरी एंड पेट्रोकेमिकल्स लिमिटेड द्वारा
राजभाषा विभाग के तत्वाधान में डॉ बी आर पाल द्वारा आ...
10 years ago
5 comments:
"कमजोर की ताकत बनें ..."
सही कहा आपने, अपने लिये जिये तो क्या जिये ...
बहुत सही फ़रमाया आपने ...
लाजवाब और प्रेरनादायी आभार्
बहुत बढ़िया रहा यह मुक्तक!
क़रम हो मालिक का गर तो राई भी परबत बने..
yeh karam nahi malik ka ki rai ka pahad banaye
yeh to phidrat hai insaan ki
jisse khuda hum sabko bachaye
:)
-Sheena
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