भगवान् की बनायी इस विचित्र रचना में
बिल्लियों की नज़र सड़े हुए सूगले छिछड़े पर ही
क्यों रहती है ? और कौवा जब भी मुँह खोलता है तो
गन्दगी में ही क्यों चोंच मारता है ?
इसका जवाब तो इस रचना को बनाने वाला
रचनाकार ही दे सकता है
मैं तो केवल ये सोच कर हैरान हूँ कि मैंने
इस सुकन्या का इतना सुन्दर फोटो लगाया था
........इसमें नारी वादियों को इतनी ईर्ष्या क्यों होगई
इसके अभिराम रूप-लावण्य से कि मेरे खिलाफ
मोर्चा खोल कर आक्रमण ही कर दिया ..........
हाय रे टी आर पी की भूख !
भाई मुझे इन आक्रमणकारियों से कोई आपत्ति नहीं है
इसलिए मैं तो बड़े प्यार से एक बार फिर फोटो
छाप रहा हूँ क्योंकि अब इस पर से
नाम और नंबर हट गया है ...........हा हा हा
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hindi hasyakavi sammelan in mangalore by MRPL
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शानदार, शानदार, शानदार …………………
शानदार और जानदार रहा मंगलूर रिफ़ाइनरी एंड पेट्रोकेमिकल्स लिमिटेड द्वारा
राजभाषा विभाग के तत्वाधान में डॉ बी आर पाल द्वारा आ...
10 years ago
3 comments:
सही लिखा जी
Vaah! Saab baazi hi palat die! Badhia hai sir!
Regards
"RAM"
बिल्ली की नज़र सदा सूगले छीछ्ड़े पर ही क्यों रहती है ? कौवा मुँह खोलते ही गन्दगी में ही क्यों चोंच मारता है ?aapko dekhkar hume is sawaal ka jawaab mil gaya hai
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