ब्लोगवाणी पर आज नापसन्द का इतिहास रचेगा अलबेला खत्री
का वह नन्हा सा आलेख जो मैंने इस पोस्ट के पहले लिखा था ।
लेकिन मुझे कोई तकलीफ़ नहीं होगी क्योंकि सच तो लोगों ने
स्वामी दयानंद का नहीं झेला, तो फिर अलबेला खत्री क्या चीज़ है ?
पसन्द करो या नापसन्द करो, इसकी परवाह किसे है भाई ! मेरा
काम मैंने किया आप अपना काम करो......
हाँ ! इतना ज़रूर है कि कुछ भी करने के लिए आपको पढ़ना तो
पड़ेगा ही,,,,,,,,,, इस तरह पाठक प्राप्त करने में तो मेरी पोस्ट
सफल हो ही जायेगी...........
जय हिन्द !
hindi hasyakavi sammelan in mangalore by MRPL
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शानदार, शानदार, शानदार …………………
शानदार और जानदार रहा मंगलूर रिफ़ाइनरी एंड पेट्रोकेमिकल्स लिमिटेड द्वारा
राजभाषा विभाग के तत्वाधान में डॉ बी आर पाल द्वारा आ...
10 years ago
3 comments:
sahi laga mujhe
तो आपको क्या लगता है कि लोग पढकर पसन्द या नापसन्द दर्शाते हैं ?
हमारी ओर से एक पसंद का चटका तो पक्का रहा......
अभी लगाए देते हैं!
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