दुनिया क्या कहेगी ?
मुझ पर हँसेगी क्या ?
ऐसे दुर्बल विचारों को न आने दे कर,
अपने को जो प्रिय लगे,
वैसा काम हमेशा करना चाहिए।
यही सारे जीवन का रहस्य है ।
- स्वामी विवेकानन्द
www.albelakhatri.com
hindi hasyakavi sammelan in mangalore by MRPL
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शानदार, शानदार, शानदार …………………
शानदार और जानदार रहा मंगलूर रिफ़ाइनरी एंड पेट्रोकेमिकल्स लिमिटेड द्वारा
राजभाषा विभाग के तत्वाधान में डॉ बी आर पाल द्वारा आ...
10 years ago
7 comments:
अति सुन्दर!
विवेकानन्द जी के महान विचार को प्रस्तुत कर के सराहनीय कार्य किया है आपने!
it's a great post
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EINDIAWEBGURU
दुनिया के सोचने का डर रचनात्मकता में बाधक भी होता है
It's good
BAHUT ACCHA
AAJ KAL MAIN BHII KUCHH AISAA HII KAR RAHAA HUN
LOG HANSII UDATE HAIN TO UDAANE DO
DEKHTE HAIN AGE KYA HOTA HAI
IS VICHAAR KO
PRASTUT
KARNE KE LIYE AAPKA DHANYAVAAD
ISSE MERA MANOBAL BADHA HAI
sach kaha Albela jee
-Sheena
पर अपने किसी कृत्य से दूसरे का नुकसान भी नहीं होना चाहिए .. इसका ख्याल तो रखना ही चाहिए !!
very good..thanks for posting!
http://kavyamanjusha.blogspot.com/
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