बहुत दिनों बाद, आज कुछ बांचने का समय मिला तो जो कुछ
पढ़ने को मिला, वह नि:सन्देह दुखी कर गया ।
भेड़ों और भेड़ियों के बीच अन्तर करना मुश्किल हो गया है .........
भाई मिथिलेश को व्यथित देख मैंने पता लगाया कि बात शुरू
कहाँ से हुई तो ये फूटी कौड़ी का रहस्य उजागर हुआ कि
मिथिलेशजी ने नारी की बढ़ती जा रही बे हयाई पर चिन्ता जताते
हुए भैंस के आगे बीन बजादी थी....... मैं उनसे केवल इतना निवेदन
करना चाहता हूँ कि भाई ! इससे कोई लाभ नहीं होगा ....परिणाम
चाहिए तो बीन से भैंस को बजाना सीख लो.........
रोते हुए बच्चे को चुप कराने के जब सारे उपाय निष्फल हो जाते हैं
तो माँ स्वयं रो पड़ती है और चमत्कार घट जाता है यानी बच्चा चुप
हो जाता है । इसी तरह नंगाई का विरोध करना है तो स्वयं नग्न
होजाओ, इतने नग्न हो जाओ कि नग्नातुर लोग स्वयं आ कर आपको
वस्त्रों का महत्व समझाने लगें ।
बाकी तो राम ही राखे ..........
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hindi hasyakavi sammelan in mangalore by MRPL
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शानदार, शानदार, शानदार …………………
शानदार और जानदार रहा मंगलूर रिफ़ाइनरी एंड पेट्रोकेमिकल्स लिमिटेड द्वारा
राजभाषा विभाग के तत्वाधान में डॉ बी आर पाल द्वारा आ...
10 years ago
4 comments:
Very Well Done Sir... Hope the unique for YOU...
शुभ भाव
राम कृष्ण गौतम "राम"
बस हमें तो यही बात समझ में आई "बाकी तो राम ही राखे ...."
देर से देख पाया ये रचना , सही कहा आपने ।
jay ho,albela bhai,
om namh shivay, om namh shivaya, om namh shivay.
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