प्यार
दिखाने की नहीं,
निभाने की चीज है
क्योंकि प्यार
देह का फूल नहीं
जीवन का बीज है
वह शाश्वत बीज !
जो अपने भीतर समस्त संसार समेटे हुए है
निराकार समेटे हुए है, साकार समेटे हुए है
इसलिए
प्यार का बीज खिलने दो
और प्रेमियों को मिलने दो
मत लगाओ प्रतिबन्ध
तोड़ डालो हर दीवार सन्देह की
बहने दो धारा अविरल नेह की
कदाचित
कुदरत की कारीगरी का काम मुकम्मल हो जाये
और ये रोतली दुनिया इक खुशनुमा ग़ज़ल हो जाये
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hindi hasyakavi sammelan in mangalore by MRPL
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शानदार, शानदार, शानदार …………………
शानदार और जानदार रहा मंगलूर रिफ़ाइनरी एंड पेट्रोकेमिकल्स लिमिटेड द्वारा
राजभाषा विभाग के तत्वाधान में डॉ बी आर पाल द्वारा आ...
10 years ago
4 comments:
प्यार
दिखाने की नहीं,
निभाने की चीज है
क्योंकि प्यार
देह का फूल नहीं
जीवन का बीज है
Bahut sundar!
बहने दो धारा अविरल नेह की
सुन्दर सन्देश सुन्दर रचना
आप की इस सुंदर कविता से सहमत है जी
अच्छी रचना है .. बधाई !!
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