प्रति,
श्री श्री डॉ मनमोहन सिंहजी,
माननीय प्रधानमन्त्री,
भारत सरकार
प्रसंग : हार्दिक शर्म व आत्मिक दुःख की अभिव्यक्ति
सन्दर्भ : आज का आपका संवाददाता सम्मेलन
महोदय,
एक भारतीय होने के नाते मेरे लिए अत्यन्त शर्म एवं गहरी पीड़ा का विषय है कि आप जैसा झूठा और बनावटी व्यक्ति मेरे देश का प्रधानमंत्री है. बचपन से ही सरदारों के मोहल्ले में रहने के कारण मैं भली भान्ति जानता हूँ कि सरदार कितने सच्चे, दिलेर और देशभक्त होते हैं लेकिन आपने तो सरदारों के वैश्विक यश को ही दाव पर लगा दिया सरदारजी ! आपने दिल्ली में कांग्रेसियों द्वारा कराये गए सिखों के क़त्लेआम पर आज गर्व से कहा कि पीड़ित परिवारों के लिए बहुत कुछ किया गया है और उनसे माफ़ी भी मांग ली गयी है.
हुज़ूर, और किस किस से माफ़ी मांग ली है आपने ? भोपाल गैस काण्ड के लाखों पीड़ितों से मांग ली या उसके लिए ज़िम्मेदार यूनियन कार्बाइड से मांग ली ? मुम्बई पर पाकिस्तानी हमले में मारे गए लोगों से मांग ली या मुजफ्फरनगर में घर से बेघर हुए दंगापीड़ितों से मांग ली ? सरहद पर जिनका सर काट कर लोग पाकिस्तान ले गए उनके परिवारों से मांग ली या रोज़ाना लाखों की संख्या में काटे जा रहे गौवंश से माफ़ी मांग ली ? और जनाब, क्या माफ़ी मांग लेने से पीड़ित परिवारों के कलेजे की जलन शांत हो गयी होगी ? माना कि आप प्रधानमन्त्री हैं लेकिन कुछ तो इन्सानियत आप में भी होगी, आज थोड़ा उसका प्रदर्शन भी कर देते
आप से जो सवाल हिन्दी में पूछे गए, उनके भी जवाब आपने अंग्रेज़ी में दिए - इससे यह स्पष्ट हो जाता है कि गुलाम की अपनी कोई भाषा नहीं होती - जैसा सिखाया जाता है वैसा ही बोलना पड़ता है - अरे हिन्दी नहीं आती तो उर्दू में दे देते, पंजाबी में दे देते, कम से कम भारतीय जनमानस को ज़लील तो न करते विदेशी भाषा बोल कर - आपको ज़रा भी शर्म नहीं आयी हिंदी का जवाब अंग्रेजी में देते हुए ? अफ़सोस है, बहुत अफ़सोस है, एक तरफ अटल बिहारी वाजपेयी संयुक्त राष्ट्र संघ में भी हिन्दी भाषी रहे और एक तरफ आप …शेम शेम शेम
आपने प्रलाप किया कि नरेंद्र मोदी अगर प्रधानमन्त्री बन गए तो देश का विनाश हो जायेगा ---बहुत अच्छे -- क्या कहने ! जिस मुख्यमन्त्री ने अपने शासन में विकास और उन्नति के गौरवपूर्ण कीर्तिमान स्थापित कर दिए उसके प्रधानमन्त्री बनने से देश का विनाश हो जाएगा और आप व आप जैसे अन्य लोगों ने भ्रष्टाचार, अनाचार, महंगाई व अमानवीय कृत्यों के जो गंदे नाले बहाये हैं उससे देश का विकास होगा ?
नरेन्द्र मोदी कोई सगे सम्बन्धी नहीं है मेरे, जो उनका गौरवगान करूँ लेकिन मैंने उनके राज में गुजरात को बदलते हुए देखा है इसलिए डंके की चोट पर कह सकता हूँ कि वो अगर एक बार प्रधानमन्त्री बन गए तो पूरा देश चमक उठेगा - चहक उठेगा
आप गाय से ज़यादा गे के अधिकारों की चिन्ता करते हैं, आपको महंगाई घटाने के बजाय सेंसेक्स को बढ़ाने की फिक्र लगी रहती है - ये अच्छी बात नहीं है
आपने जनता को रुलाया है सरदारजी, अगर देश की रोती-बिलखती जनता की बददुआओं में ज़रा भी असर हुआ तो ऊपर वाला आपको रुलाएगा और ऐसा रुलाएगा कि आंसू पोंछने वाला भी कोई न होगा
जय हिन्द !
अलबेला खत्री
3 comments:
वाह! अलबेला जी, दिल जीत लिया आपकी इस पोस्ट ने, बिलकुल सच कहा आपने।
बहुत सुन्दर प्रस्तुति...!
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आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा आज शनिवार (04-01-2014) को "क्यों मौन मानवता" : चर्चा मंच : चर्चा अंक : 1482 में "मयंक का कोना" पर भी है!
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सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
गर्व के अपने अपने मानक।
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