प्यारे दोस्तों !
समय आ गया है कि अब हिन्दी ब्लोगर अपना महत्व पहचाने, अपनी
भूमिका - अपने दायित्व और अपने सम्पादकीय धर्म के साथ-साथ
अपने अधिकार को भी समझे तथा उसे प्राप्त करने का भरसक प्रयास करे
ताकि ब्लोगिंग केवल टाइम पास करने का शगल अथवा वैयक्तिक
भड़ास निकालने का ज़रिया न रह कर सामाजिक प्रसिद्धि, सम्मान
और आर्थिक आय के स्रोत का मजबूत माध्यम बन सके ।
मेरा मानना है कि सभी ब्लोगर और सभी एग्रीग्रेटर मिल कर यदि
भारत सरकार से बात करे और अपना पक्ष रखे तो बहुत कुछ हो
सकता है । इस क्षेत्र में आर्थिक आय की विराट सम्भावनाएं हैं जिन्हें
हमें सच में बदलना है तो ज़रा सा ज़ोर सब को मिल कर लगाना
होगा । इससे दो बड़े लाभ होंगे - पहला तो ये कि आपसी वैमनस्य
मिटेगा क्योंकि भले ही पाँचों उँगलियाँ अलग-अलग हों, खाते वक्त
तो एकजुट हो ही जाती हैं । लिहाज़ा जब ब्लोगिंग व्यवसाय बन
जायेगी, तो सभी ब्लोगर अपने ब्लॉग पर बेहतर से बेहतर सामग्री
छापने का प्रयास करेंगे, फोकट में विष वमन का काम स्वमेव बन्द
हो जाएगा । दूसरा ये कि समय के बदले जब पैसा प्राप्त होगा तो हमारे
घर वाले भी हमें और हमारी ब्लोगिंग को ताने नहीं देंगे बल्कि स्वयं
सहयोग करेंगे ताकि हम बेहतर परिणाम दे सकें नतीजा ये निकलेगा
कि ब्लोगिंग में पोस्ट सम्बन्धी सुधार आएगा और विषय भी नये
नये आयेंगे ।
इस सन्दर्भ में मैंने अपने 28 वर्षों के पत्रकारीय अनुभव, वैयक्तिक
सोच और गहन चिन्तन के बल पर एक समग्र व्यवस्था की स्पष्ट
रूप-रेखा तैयार की है जो अपनी आगामी पोस्ट में प्रकाशित कर रहा
हूँ । मेरा सभी ब्लोगर स्वजनों से करबद्ध निवेदन है कि आप उस
पोस्ट को ज़रूर ज़रूर पढ़ें तथा अपनी राय से अवगत कराएं । यदि
आपको लगता है कि उसमे कुछ और भी संशोधन हो सकता है तो
कृपया नि:संकोच बताएं ।
मुझे आशा ही नहीं, पूर्ण विश्वास है कि आने वाला समय हिन्दी ब्लोगिंग
के लिए अत्यन्त उज्ज्वल और समृद्धि भरा होगा और वह समय दूर
की कौड़ी नहीं, बहुत निकट का मामला है ।
तो मिलते हैं अगली पोस्ट पर.................
मुझे आप सब के ध्यान और समर्थन का अवलंबन चाहिए...परिणाम
ऐसे आयेंगे कि सबको आनन्द आ जाएगा ।
जय हिन्दी - जय हिन्द
www.albelakhatri.com
hindi hasyakavi sammelan in mangalore by MRPL
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शानदार, शानदार, शानदार …………………
शानदार और जानदार रहा मंगलूर रिफ़ाइनरी एंड पेट्रोकेमिकल्स लिमिटेड द्वारा
राजभाषा विभाग के तत्वाधान में डॉ बी आर पाल द्वारा आ...
10 years ago
23 comments:
ek behad jaruri si or uchit soch!
abhi vichaar hai,beej hai... kabhi ped jarur banega....
shubhkaamnaaye swikaar kare...
kunwar ji,
Saadhuvaad aur Shubhkaamnaayen!!
"RAM"
Bilkul sahi kah rahe hain aap.
अच्छा विचार है
स्वागत करते हैं
आभार
aapki aagami post ka intjaar rahega
मै आपकी बात से सहमत हूँ !
यह एक अच्छी सोच है, शुभकामनाये .......
सोंच तो आपकी बहुत अच्छी है .. हमें इस दिशा में प्रयास करना चाहिए !!
मिले सुर हमारा तुम्हारा
बहुत सुन्दर विचार प्रयास जरूरी
Mere Prernapurush shri Umar Kairanvi ji aap ka naam badi apnaiyyat se lete hain . Aaap mere blog par aye , mera maan badhaya , Aapka shukriya . Aaj ki post bhi achhi hai .
अंग्रेज़ी ब्लॉगिंग प्रोफेशनल ब्लॉगिंग कहलाती है । शायद कुछ इसी तरह का प्रयस तो नही है यह ? बहरहाल इंतेज़ार रहेगा ।
इन्तजार रहेगा अगली पोस्ट का...शुभकामनाएँ.
विचार तो आपका अति उत्तम है ....'अर्थ' के बिना कुछ समय बाद सब व्यर्थ दिखाई देने लगता है
आगामी पोस्ट का इंतज़ार रहेगा
बात सही है अलबेला जी
जय हिन्द।
28 sal ka patrariya anubhav ya fir VIDUSHAK ka anubhav????????????
GOOd LUCK
अलबेला जी,
आगे बढ़िए, हम सब आपके साथ हैं...
जय हिंद...
हम तो बार बार बता चुके हैं कि हमारा उद्देश्य हिन्दी की सेवा के साथ ही साथ नेट से आमदनी ही है। अब हमें लग रहा है कि आपके सहयोग से हमारे उद्देश्य की पूर्ति अवश्य ही होगी।
अच्छे विचार हैं, स्वागत है. पोस्ट पढेंगे.
ये एक जबरदस्त क्रांतिकारी विचार है श्रीमान
हम आपके साथ हैं
BILKUL HAME IS DISHA ME PRYASH JAROOR KARNA CHIYE
SAADAR
PRAVEEN PATHIK
9971969084
बुहत अच्छा.
आशुतोष कुमार सिंह
थोङा सस्पेंस सा है पर कुछ न कुछ अच्छा ही
होगा आपने रामायण गीता जप जी साह्ब
पङा..तो उसमें से क्या निचोङ निकला
गीता में..हे अर्जुन मुक्ति ग्यान से है कर्म से
नहीं..इसके लिये तू किसी तत्व वेता की शरण
में जा ..यही रामायण या किसी भी अन्य ग्रन्थ
का सार है आप को इसका लाभ मिला या नहीं
satguru-satykikhoj.blogspot.com
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