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Albela Khatri

लीजिये मित्रो ! ये रहा मेरा सुझाव पत्र हिन्दी ब्लोगिंग को आगे बढ़ाने तथा ब्लोगर्स को लाभ पहुँचाने के लिए




सीधी और स्पष्ट बात है कि जब देश, समाज और मानवता को
कलंकित करने वाले असामाजिक तत्त्व रुपया कमा सकते हैं,
नेताओं और पुलिस की दलाली करने वाले पीत पत्रकार रुपया
कमा सकते हैं और अपराध समाचारों के नाम पर ज़बरदस्ती
सनसनी फैलाने वाले चैनलीय तमाशेबाज़ जब तगड़ा माल कमा
सकते हैं तो इस देश में और देश के बाहर दुनिया भर में हिन्दी और
हिन्दी साहित्य को समृद्ध करने की अभीप्सा में रात दिन लेखनी
चलाने वाले बुद्धिजीवी केवल नि:स्वार्थ सेवा क्यों करे ? क्यों नहीं
हिन्दी ब्लोगर को उनके श्रम का सम्मानजनक मानधन भी मिले,
ताकि घर फूंक के तमाशा देखना बन्द हो.............इस मुद्दे पर मैंने
जो योजना बनाई है वो निम्न प्रकार है :


सभी ब्लोगर और सारे एग्रीग्रेटर मिल कर प्रयास करे तो ये बहुत
आसान हैभारत सरकार का सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय,
मानव संसाधन विकास मंत्रालय, शिक्षा मंत्रालय, सांस्कृतिक
मंत्रालय और राज भाषा विभाग इसमें अहम् भूमिका निभा
सकते हैंबहरहाल मेरा पुरज़ोर प्रयास है कि


#
जिस प्रकार समाचार -पत्रों और पत्रिकाओं के लिए रजिस्ट्रार
ऑफ़ न्यूज़ पेपर्स बाकायदा "टाइटल" पंजीकृत करता है और
नियमित प्रकाशन करने वाले संपादकों को पत्रकार का
परिचय -पत्र मिल जाता है जिसके ज़रिये उनके लिए बहुत से
खर्च बच जाते हैं जैसे कि बसों में किराया, वाहनों की पार्किंग
और टोल टैक्स , रेलवे आरक्षण में प्राथमिकता, अति विशिष्ट
व्यक्तियों से मिलने अथवा किसी भी सरकारी आयोजन में पहुँचने
की बे रोक-टोक अनुमति इत्यादि - इसी प्रकार प्रत्येक ब्लोगर
स्वामी/सम्पादक को यह सुविधा मिलनी चाहिए



#
राज्य सरकारों के 'डी पी आर' और भारत सरकार के 'डी वी पी'
जिस प्रकार तमाम समाचार पत्रों को, खासकर लघु मध्यम दर्जे
के समाचार पत्रों को प्रोत्साहन देने के लिए विज्ञापन देते हैं उसी
प्रकार ब्लोग्स को भी विज्ञापन मिलने चाहियें


#
जिस प्रकार मासिक, पाक्षिक, साप्ताहिक और दैनिक प्रकाशनों
के लिए अलग अलग रेट होते हैं विज्ञापन के उसी प्रकार ब्लोग्स
की भी श्रेणी बँट सकती हैजो ब्लॉग नियमित और दैनिक
प्रकाशन करता है उसे ज़्यादा रेट मिलना चाहिए बाकी जो कभी
कभी करते हैं उनके लिए यथायोग्य रेट तय हो सकते हैं


#
१५ अगस्त , २६ जनवरी, अक्तूबर इत्यादि विशेष दिनों तथा
पोलियो मुक्ति, पर्यावरण संरक्षण और शिक्षा एवं पर्यटन
सम्बन्धी सजावटी विज्ञापन अनिवार्य रूप से सभी ब्लोग्स को
मिलने चाहियें


#
राजभाषा विभाग द्वारा प्रत्येक वर्ष अरबों रुपया राज भाषा
हिन्दी के विकास के नाम पर बन्दर बाँट को प्राप्त होता है तो क्यों
उसका एक बड़ा हिस्सा ब्लोग्स पर भी खर्च हो क्योंकि ये तो
है ही हिन्दी को बढ़ावा देने का सशक्त माध्यम



#
ब्लोगर सम्मेलन और ब्लोगर मीट के लिए सरकारी कोष से
धन मिलना चाहिए, प्रेस क्लब की तरह हर शहर में ब्लोगर्स
क्लब के लिए जगह और निर्माण कार्य की व्यवस्था नगर
पालिकाओं द्वारा की जानी चाहिए


#
जब रेल पटरी के साथ चलने वाली दीवारों पर, लोगों के घरों पर
और अन्य सार्वजनिक स्थानों पर विज्ञापन दे कर बड़ी बड़ी
कम्पनियां अपने प्रोडक्ट को चमकाती है तो यही काम वे
ब्लॉग के ज़रिये भी कर सकती हैं


#
सार्थक और सकारात्मक ब्लोगिंग के लिए सरकारी तौर पर
बड़े पुरुस्कारों तथा सम्मानों की घोषणा होनी चाहिए


#
जिस प्रकार देहात तथा अहिन्दी भाषी क्षेत्रों से प्रकाशित होने
वाले हिन्दी प्रकाशनों को विशेष मदद मिलती है उसी तर्ज़ पर दूर
दराज़ तथा अहिन्दी भाषी क्षेत्रों के ब्लोगर्स को विशेष सहायता
मिलनी ही चाहिए


#
साहित्य अकादमी की तरह ब्लोगिंग अकादमियां भी बननी चाहियें


________
________
____________-
हिन्दी का ब्लोगर क्यों मोहताज़ रहे किसी एड्संस का जबकि
सरकार के पास हर साल भारी मात्रा में वह रुपया बच जाता है जो
उसे राजभाषा के लिए खर्च करना होता है क्योंकि खर्च करने के
लिए उसके पास कोई कार्यक्रम ही नहीं, कोई योजना ही नहीं

.........
बस वर्ष का अन्त निकट आता है तो आनन् फानन में कुछेक
पुरस्कार बाँट दिये जाते हैं


____
और भी बहुत सी बातें हैं लेकिन आलेख लम्बा हो चला है
इसलिए शेष अगले अंक में पढियेगा

बहरहाल, यदि आप सब हिन्दी के ब्लोगर्स ( मैं नर और नारी दोनों
से मुखातिब हूँ ) को लगता है कि ऐसा होना चाहिए तो आओ, एक
जगह, एक बैनर के नीचे सब एकजुट हो जाओ और तमाम मन
मुटाव त्याग कर प्रयास करो कि जल्द से जल्द हम इस अभियान
को सफल कर सकें

आपके सुझाव और शिकायतों का सदैव स्वागत है

जय हिन्दी - जय हिन्द !
















www.albelakhatri.com

16 comments:

Gyan Darpan April 7, 2010 at 11:44 PM  

आपके सुझाव वाकई दमदार है | जब सरकार अख़बारों व पत्रिकाओं को विज्ञापन आदि दे सकती है तो ब्लोगस को क्यों नहीं ?
आजकल बहुत से अखबार भी ब्लॉग से सामग्री लेकर अपने अखबार में बिना ब्लोगर की अनुमति के छाप रहे है उन पर भी बिना अनुमति व मेहनताना दिए सामग्री छापने पर अंकुश लगना चाहिए

संगीता पुरी April 7, 2010 at 11:49 PM  

बढिया लिखा है आपने .. हमारे संगठित होने से ये सब अवश्‍य हो सकता है !!

प्रिया April 8, 2010 at 12:53 AM  

Sir, kaafi dino baad aana hua aapke blog par....sujhaav to accha hai..lekin yahi soch rahe hai ki jahan paisa aa jaata hai waha corruption, aur gandgi apne aap chali aati hai...shayad blogging ka env. bhi polluted ho jaye

Udan Tashtari April 8, 2010 at 6:40 AM  

सही है..आगे भी सुन लें पूरी योजना समझ कर फिर बोलते हैं. प्रयास और सोच अच्छी है.

रवि रतलामी April 8, 2010 at 8:04 AM  

आपका सुझाव दमदार है. कई पत्र-पत्रिकाएँ महज सौ-पचास सर्कुलेशन पर भी विज्ञापन आदि जुगाड़ लेते हैं जबकि आज तो कई हिन्दी ब्लॉग (उदाहरण - रचनाकार) प्रतिदिन हजार से भी ज्यादा पेज हिट्स दे रहे हैं.

Khushdeep Sehgal April 8, 2010 at 10:00 AM  

अलबेला जी,
आप तटस्थता को तोड़ रहे हैं, ये बात बहुत अच्छी है...वरना हम सब की आदत है...ये कहते रहते हैं कि कुछ नहीं हो सकता...लेकिन जब तक आप कोशिश ही नहीं करेंगे तो कोई चम्मच से आपके मुंह में खिलाने के लिए तो आने वाला नहीं...जैसे कि मेरी आप से तनेजा जी के घर पर बात हुई थी कि केंद्र सरकार के साथ राज्य सरकारों से भी ब्लॉगर्स के लिए एड लेने के प्रयास किए जाएं...गुजरात सरकार वाइब्रेंट गुजरात के तहत प्रवासी भारतीयों पर बहुत ज़ोर देती है..और हिंदी ब्लॉग की पहुंच दुनिया भर में सब भारतवंशियों तक है...अगर गुजरात सरकार प्रवासियों को गुजरात में निवेश या पर्यटन को अमिताभ बच्चन के ज़रिए बढ़ावा देने का संदेश पहुंचाना चाहती है तो ब्लॉग से बढ़िया क्या माध्यम हो सकता है...आप गुजरात से ही ताल्लुक रखते हैं...इस दिशा में भी प्रयास कीजिए...

बाकी आपने इतनी मेहनत के बाद ब्लॉगर्स की भलाई के लिए जितने भी सुझाव दिए हैं, सभी सार्थक और महत्वपूर्ण हैं...मेरा आपको इस विषय में पूरा समर्थन है...मेरी राय में ब्लॉगर्स को जोड़ने के लिए अविनाश वाचस्पति भाई अहम भूमिका निभा सकते हैं...

जय हिंद...

Unknown April 8, 2010 at 10:11 AM  

बहुत अच्छे सुझाव दिये हैं आपने! सभी ब्लोगर्स मिलकर इन्हें अमल में लायें तो हिन्दी और हिन्दी ब्लोगर्स का बहुत ही भला होगा।

Shah Nawaz April 8, 2010 at 10:49 AM  

बिलकुल सही सुझाव है.

Pt. D.K. Sharma "Vatsa" April 8, 2010 at 3:14 PM  

अल्बेला जी, सुझाव तो वाकई बहुत उत्तम है..बाकी इस विषय में कोई राय,मशविरा तभी दे पाएंगे, जब आगे की योजना समझ लें...

vijay kumar sappatti April 8, 2010 at 3:49 PM  

sir , sujhaav to accha hai ......dekhte hai...kis tarah se is par amal ho sakta hai...
abhar..

vijay

Mohammed Umar Kairanvi April 8, 2010 at 6:34 PM  

शानदार सुझाव, ब्‍लागवाणी भी कमाने लगा है तो कुछ हमें ब्‍लाग वालों को भी मिलना चाहिये,'लाजवाब सुझाव' इस को कामयाब होना ही होगा और मुझे लगता है आपको सभी ब्‍लागर्स का समर्थन जरूर मिलेगा, बात आगे बढाईये हम आपके साथ हैं

नारियों का समर्थन भी लेलें तो अच्‍छा रहेगा

योगेन्द्र मौदगिल April 8, 2010 at 8:07 PM  

sahi baat.....

योगेन्द्र मौदगिल April 8, 2010 at 8:09 PM  

pahli baar akal ki baat...jiyo pyare jiyo...kya baat hai......

अजय कुमार झा April 8, 2010 at 8:20 PM  

अलबेला भाई आपने जो बताया है उसमें बहुत सारी प्रायोगिक दिक्कतें हैं ,मगर आपने इस विचार में दम जरूर है । मैंने भी इस दिश में कुछ सोच रखा है जल्दी ही पूरी योजना विस्तार से लिख भेजता हूं आपको । लगता है बहुत जल्दी ही हम आप जैसे मिल कर कुछ न कुछ तो नया और बडा हिंदी ब्लोग्गिंग में ले ही आएंगे
अजय कुमार झा

राजीव तनेजा April 8, 2010 at 10:42 PM  

आपकी बात में दम है...हमें संगठित होना ही होगा

आदेश कुमार पंकज April 15, 2010 at 2:07 PM  

सम्मानीय भाई साहब ,
आपके इन अमूल्य सुझावों का मैं आदर के साथ पुरजोर समर्थन करता हूँ . वास्तव में सभी हिंदी प्रेमियों और ब्लॉग लेखकों को इस क्षेत्र में एक मुहिम चलाना चाहिए जिससे कि सभी ब्लोगेर्स को उचित सम्मान और मानदेय प्राप्त हो सके .मुझे आशा ही नहीं पूर्ण विश्वास है कि देश के सभी ब्लॉग प्रेमी भाई अलबेला खत्री के स्वर में स्वर मिलाकर इसे मूर्त रूप देने में सहायक सिद्ध होगें .

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