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ताज़ा टिप्पणियां

Albela Khatri

वह और भी सुखी है

वह सुखी है


जिसकी परिस्थितियाँ

उसके स्वभाव के अनुकूल हैं,

लेकिन

वह और भी सुखी है

जो

अपने स्वभाव को

परिस्थिति के अनुकूल बना लेता है


- ह्यूम


13 comments:

M VERMA April 26, 2010 at 6:58 PM  

सत्य वचन

पी.सी.गोदियाल "परचेत" April 26, 2010 at 7:03 PM  

सरजी, बोलना बहुत आसन है कि खुद को परिस्थितियों के अनुकूल बना लेता है, मगर है नहीं यह काम इतना आसान !

Unknown April 26, 2010 at 7:26 PM  

बंधुवर गोदियाल जी !

अपन कोई आसान काम करने के लिए पैदा भी नहीं हुए....

अपने को तो मुश्किल काम ही करने हैं दोस्त...........

- अलबेला खत्री

Unknown April 26, 2010 at 8:15 PM  

बहुत सुन्दर विचार!

अनामिका की सदायें ...... April 26, 2010 at 8:39 PM  

ek dam satye vachan.

apki is type ke lekhan se milta julta ye blog dekhiyega..shayed pasand aaye.

http://anamka.blogspot.com/

Gautam RK April 26, 2010 at 8:50 PM  

अरे वाह! अलबेला जी, काफी दिनों बाद चिट्ठे पर आए और वो भी इतने ज़बरदस्त फॉर्म के साथ... लाज़वाब पोस्टिंग है जी... आभार!!!


"रामकृष्ण"

राजा कुमारेन्द्र सिंह सेंगर April 26, 2010 at 9:04 PM  

आज आपके विचार नहीं आये????
जय हिन्द, जय बुन्देलखण्ड

sandhyagupta April 26, 2010 at 9:18 PM  

.....जो

अपने स्वभाव को

परिस्थिति के अनुकूल बना लेता है

Isi koshish me umr beet jati hai.

शिवम् मिश्रा April 26, 2010 at 10:56 PM  

सत्य वचन, बंधुवर !

दीपक 'मशाल' April 27, 2010 at 1:04 AM  

Sundar vichar.. aapki sundar tasveer ke sath. kuchh jaroori baat karni thee aapse. jaldi hi phone karta hoon.

Indranil Bhattacharjee ........."सैल" April 27, 2010 at 9:44 AM  

खुद को परिस्थिति के अनुकूल ढालने के लिए नम्रता और लचीलेपन की ज़रूरत है ... जो हर किसी में होती नहीं है ...

Urmi April 27, 2010 at 4:40 PM  

खत्री जी आपने बिल्कुल सही कहा है! उम्दा पोस्ट!

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' April 27, 2010 at 8:51 PM  

संग्रह करने योग्य आदर्श वाक्य!

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