वह सुखी है
जिसकी परिस्थितियाँ
उसके स्वभाव के अनुकूल हैं,
लेकिन
वह और भी सुखी है
जो
अपने स्वभाव को
परिस्थिति के अनुकूल बना लेता है
- ह्यूम
hindi hasyakavi sammelan in mangalore by MRPL
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शानदार, शानदार, शानदार …………………
शानदार और जानदार रहा मंगलूर रिफ़ाइनरी एंड पेट्रोकेमिकल्स लिमिटेड द्वारा
राजभाषा विभाग के तत्वाधान में डॉ बी आर पाल द्वारा आ...
10 years ago
13 comments:
सत्य वचन
सरजी, बोलना बहुत आसन है कि खुद को परिस्थितियों के अनुकूल बना लेता है, मगर है नहीं यह काम इतना आसान !
बंधुवर गोदियाल जी !
अपन कोई आसान काम करने के लिए पैदा भी नहीं हुए....
अपने को तो मुश्किल काम ही करने हैं दोस्त...........
- अलबेला खत्री
बहुत सुन्दर विचार!
ek dam satye vachan.
apki is type ke lekhan se milta julta ye blog dekhiyega..shayed pasand aaye.
http://anamka.blogspot.com/
अरे वाह! अलबेला जी, काफी दिनों बाद चिट्ठे पर आए और वो भी इतने ज़बरदस्त फॉर्म के साथ... लाज़वाब पोस्टिंग है जी... आभार!!!
"रामकृष्ण"
आज आपके विचार नहीं आये????
जय हिन्द, जय बुन्देलखण्ड
.....जो
अपने स्वभाव को
परिस्थिति के अनुकूल बना लेता है
Isi koshish me umr beet jati hai.
सत्य वचन, बंधुवर !
Sundar vichar.. aapki sundar tasveer ke sath. kuchh jaroori baat karni thee aapse. jaldi hi phone karta hoon.
खुद को परिस्थिति के अनुकूल ढालने के लिए नम्रता और लचीलेपन की ज़रूरत है ... जो हर किसी में होती नहीं है ...
खत्री जी आपने बिल्कुल सही कहा है! उम्दा पोस्ट!
संग्रह करने योग्य आदर्श वाक्य!
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