बन्धुवर राजीव तनेजा जी,
बस........अभी-अभी घर पहुंचा हूँ और सबसे पहले आपके नाम एक
खुला पत्र लिख कर आज के दिन की शुरुआत कर रहा हूँ । आपने और
आपके पूर्ण परिवार ने जिस प्रकार गर्मजोशी और सुहृदयता से मुझे
समय दिया व दिल्ली के ब्लोगर मित्रों से रूबरू करा कर अपने
बड़प्पन का परिचय दिया वह मेरे मन -मस्तिष्क पर अंकित है और
सदैव रहेगा ।
पहली ही भेन्ट में किसी अपरिचित व्यक्ति को अपने घर में मेहमान
बना कर रखना, उसकी भरपूर खिदमत करना तथा अपना
व्यावसायिक व पारिवारिक कार्य रोक कर भी उसके लिए व्यवस्थाएं
करना नि:सन्देह दिल्ली जैसे बड़े शहर में अत्यन्त मुश्किल है लेकिन
आपने हँसते हँसते किया और इस कार्य में आदरणीय भाभीजी श्रीमती
संजू तनेजा जी और आपके प्यारे बच्चों ने जिस प्रकार सहभाग किया
वह अनूठा और अनुकरणीय उदाहरण था ।
आप ही के अथक श्रम से मैं वहाँ हमारे सम्मानित ब्लोगर मित्रों सर्वश्री
अविनाश वाचस्पति, पवन चन्दन जी, इरफ़ान जी, खुशदीप सहगल जी,
प्रवीण प्रार्थी जी, आशा सिंगल जी, एम वर्मा जी, कनिष्क कश्यप जी,
विनोद कुमार पाण्डेय, सतीश सक्सेना,
कविवर चाचा जी इत्यादि महानुभावों से मिल सका और अपने विचार
उनके विचारों से मिला सका ।
मन बहुत भावुक है बहुत कुछ कहना चाहता है लेकिन फ़िलवक्त मैं
अपने दिल की गहराई से केवल और केवल धन्यवाद ही करने बैठा हूँ
आपका, और आपके परिवार का ..........खासकर आदरणीय भाभीजी का
जिन्होंने बहुत मेहनत की तथा सभी ब्लोगर मित्रों की खूब आवभगत
करते हुए अत्यन्त लज़ीज़ व्यंजन बना कर खिलाये ।
मेरे मन से यही मंगल कामना है कि आपका परिवार सदैव इसी प्रकार
हँसता, खिलखिलाता और समृद्ध रहे तथा अप सब पूर्ण स्वस्थ व
दीर्घायु हों.............
दिवस रैन बरसा करे, वैभव की रसधार
दिवस रैन फूले फले आपका घर परिवार
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hindi hasyakavi sammelan in mangalore by MRPL
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शानदार, शानदार, शानदार …………………
शानदार और जानदार रहा मंगलूर रिफ़ाइनरी एंड पेट्रोकेमिकल्स लिमिटेड द्वारा
राजभाषा विभाग के तत्वाधान में डॉ बी आर पाल द्वारा आ...
10 years ago
12 comments:
बहुत दिनों बाद दिखाई दिए हुकुम!!!
मेहमान बनाने का खूब आनंद लिया दीखता है . अभी तक गदगद है !!!!!!!!!
तकदीर के धनी है आप .बहुत बढ़िया .सदा ऐसे ही रहें .
सच कहा राजीव भाईजी है यारों के यार
युं ही फ़ुले फ़ले निसदिन इनका परिवार
ईश्वर से प्रार्थना है कि ब्लॉग जगत में यह पारस्परिक सद्भाव बना रहे !!
आपने धन्यवाद दे ही दिया। वैसे इसकी जरूरत नहीं है। दिलवाले कभी धन्यवाद पाने के आकांक्षी नहीं हैं। वे तो सिर्फ प्यार देते हैं और प्यार ही लेते हैं। वैसे दिल्ली दिलवालों के अतिरिक्त मतवालों से भी भरी हुई है। जिस बैठक की आप बात कर रहे हैं उसमें सिर्फ दिलवाले ही नहीं मतवाले भी मौजूद थे। अब यह आपको देखना है कि कौन दिलवाला था और कौन मतवाला ?
ब्लाग की दुनिया के रिश्तेदार असली दुनिया के रिश्तेदारों से अच्छे निकल रहे हैं.राजीव जी के परिवार पर ईश्वर सदा मेहरबान रहे.
ऐसे ही तो होगा एक नये समाज का निर्माण
अविनाश जी से सहमत
दिलवाला और मतवाला का वर्गीकरण होते ही सूचित करियेगा.
मैं तो किसी का (किसी और का नही अपनी पत्नी का) घरवाला हूँ.
अरे नहीं गुरुवर...ये तो हमारा सौभाग्य है कि आप हमारे यहाँ पधारे
अलबेल जी आपसे मिलना बहुत सुखद रहा....इस मीटिंग के लिए हम आप, राजीव जी, अविनाश वाचस्पति जी सभी के बहुत बहुत आभारी है
अब अपने तनेजा सर हैं ही इतने दिलवाले, सच्चे दिल्लीवाले कि हर किसी के लिए अपने दिल के दरवाज़े खुले रखते हैं... मैं भी आज तक भाभी जी के बनाये पकौड़े, पनीर की और कई और सब्जियां, रायता नहीं भूल पाया. :) ईश्वर उनको और उनके पूरे परिवार को उनकी हर खुशी दें..
अलबेला सर आपका बहुत आभार.
अलबेला जी,
ये राजीव तनेजा जी के स्नेह की वजह से ही संभव हो सका कि दिल्ली के हम सभी ब्लॉगर्स आपसे मुलाकात कर सके...राजीव जी और संजू भाभी कभी किसी ब्लॉगर को ऐसा महसूस ही नहीं होने देते कि वो उनके घर के बाहर का सदस्य हो...जैसे हंसमुख और संस्कारी खुद हैं वैसा ही स्वभाव इनके तीनों बच्चों का भी है...
राजीव जी के घर आपके, अविनाश वाचस्पति और दूसरे ब्लॉगर भाइयों के साथ बिताए पल यादगार बन गए हैं...
जय हिंद...
ब्लॉग जगत की जय हो जो ऐसे मधुर संबंध बन रहे हैं।
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