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Albela Khatri

तुम ही नहीं, तुम्हारी पुश्तों को भी ले डूबेगी तुम्हारी ख़ुदगर्ज़ी



गन्ध ये बारूद की है शायद

जिसे सहना मेरे बूते से बाहर है

लेकिन मैं सह रहा हूँ



कर कुछ नहीं सकता

इसलिए सिर्फ़ कह रहा हूँ

कि हटादो ये कुहासा

क्योंकि इस सियाह आलम में

महज़ हैवानियत पलती है

बन्दगी को खतरा है


मौत के इस खेल में

ज़िन्दगी को खतरा है


दुनिया पर कब्ज़ा करने की खूंफ़िशां मन्शा वालो !

ख़बरदार !

तुम ही नहीं, तुम्हारी पुश्तों को भी ले डूबेगी

तुम्हारी ख़ुदगर्ज़ी .........

मैं तो फ़क़त इल्तज़ा कर सकता हूँ

आगे तुम्हारी मर्ज़ी ...............



मालिक करे  नये साल में होश आ जाये आपको 

बनाने वाला  हैवान  से अब इन्सां बनाए आपको 


___नव वर्ष  अभिनन्दन ! 
 

2012 मुबारक हो ! 


जय हिन्द ! 




4 comments:

देवेन्द्र पाण्डेय December 31, 2011 at 11:51 PM  

क्या खूब डराया है! ईश्वर करे समझ जांय।
आपको भी नव वर्ष की ढेर सारी शुभकामनायें।

DR. ANWER JAMAL January 1, 2012 at 7:48 AM  

Nice post .

रब की मर्ज़ी यह है कि इंसान कोई जुर्म न करे, कोई पाप न करे, वह धरती में ख़ुद भी शांति के साथ रहे और दूसरों को भी शांति के साथ रहने दे। जिसका जो हक़ बनता है उसे अदा करे और किसी पर कोई ज़ुल्म ज़्यादती न करे बल्कि जहां भी ज़ुल्म ज़्यादती हो वहां हद भर उसे मिटाने की कोशिश करे। वह बोले तो अच्छी बात बोले वर्ना चुप रहे। रब की मर्ज़ी यह है कि इंसान अपने हरेक रूप में ख़ुद को अच्छा बनाए। पति-पत्नी, मां-बाप, औलाद, पड़ोसी, जज, हाकिम और सैनिक, जितने भी रूप हैं उन सबमें वह अच्छा हो। उसकी शरारत से लोग सुरक्षित हों। उसके पड़ोस में कोई भूखा न सोता हो। अपने माल को वह ग़रीब, अनाथ और ज़रूरतमंदों पर भी ख़र्च करता हो और बदले में उनसे कुछ न चाहता हो, शुक्रिया तक भी नहीं। रब यह चाहता है कि बंदा यह सब करे और मेरे कहने से करे और सिर्फ़ मेरे लिए ही करे।

लोग ऐसा करें तो समाज से ऊंचनीच, छूतछात, वेश्यावृत्ति, नशाख़ोरी, दहेज हत्या, कन्या भ्रूण हत्या आदि जरायम का मुकम्मल सफ़ाया हो जाएगा। भय, भूख, अन्याय और भ्रष्टाचार का ख़ात्मा ख़ुद ब ख़ुद हो जाएगा। उनके लिए अलग से कोई आंदोलन चलाने की ज़रूरत ही नहीं है। जब तक लोग ऐसा नहीं करेंगे तब तक वे कुछ भी कर लें, इनमें से कुछ भी ख़त्म होने वाला नहीं है और शांति आने वाली नहीं है।
शांति हमारी आत्मा का स्वभाव और हमारा धर्म है।
शांति ईश्वर-अल्लाह के आज्ञापालन से आती है।

नया साल आ गया है,
नए मौक़े लेकर आया है,

सबको नव वर्ष की शुभकामनाएं।

कुमार राधारमण January 1, 2012 at 10:47 AM  

इससे बढ़िया संकल्प और सन्देश नववर्ष में भला क्या होगा!

दर्शन कौर धनोय January 2, 2012 at 12:56 AM  

नव-वर्श कि शुभकाम्नाए--हमेश आपके जिवन को खुशिया प्रदान करे

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