पप्पू ने पूछा पापा,
ये भारत बन्द क्या होता है ?
पापा मुस्कुराया
पप्पू को बताया -
बेटा,
मेरा भारत महान में लोकतान्त्रिक सरकार है
और भारत बन्द हमारा राजनैतिक त्यौहार है
जो विपक्ष द्वारा मनाया जाता है
और पब्लिक को सताया जाता है
जो लोग किसी गरीब के घर में एक दीया तक नहीं जलाते
वे सड़कों पर टायर ट्यूब जलाते हैं
वाहनों पर भी पत्थर ख़ूब चलाते हैं
ट्रेनें रोक रोक के तोड़ फोड़ करते हैं
निशानेबाज़ी बसों पे बेजोड़ करते हैं
जम कर हुडदंग और मनमानी करते हैं
या यों समझो कि कुछ तूफानी करते हैं
जब थक जाते हैं
तब रुक जाते हैं
आम आदमी घर में बैठ, तमाशा देखते हैं
और नेता लोग इस आग में रोटी सेंकते हैं
अहिंसा का आईना जब चूरा चूरा हो जाता है
तब यह भारत बन्द महोत्सव पूरा हो जाता है
क्योंकि
न सरदार पगला है
न सरकार पगली है
सिर्फ़ जनता पगली है
जो इनको वोट देती है
व ख़ुद को चोट देती है
जय हिन्द !
4 comments:
बहुत सही लिखा अलबेला जी ....हर बार आम आदमी ही त्रस्त
सही बात पागल तो जनता ही है जो इन्हें वोट देती है !
सही बात है.
हम ही पगले हैं
सही बात है ... जय हिन्द !
इस पोस्ट के लिए आपका बहुत बहुत आभार - आपकी पोस्ट को शामिल किया गया है 'ब्लॉग बुलेटिन' पर - पधारें - और डालें एक नज़र - कहीं छुट्टियाँ ... छुट्टी न कर दें ... ज़रा गौर करें - ब्लॉग बुलेटिन
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