प्यारे मित्रो नमस्कार
यह बताते हुए अतीव हर्ष का अनुभव कर रहा हूँ कि श्री लेखराज खत्री
और मेरे द्वारा निर्मित की जा रही ऑडियो / वीडियो "जय माँ हिंगुलाज"
का काम बड़ी तेज़ी से हो रहा है . संगीत जगत में सुप्रसिद्ध स्वर मन्दिर
के श्री पारस सोनी के अथक श्रम और सतत समर्पित सहयोग से संगीत
का काम पूरा हो चुका है . अगले हफ्ते सभी भजनों को देश के जाने माने
गायक - गायिकाओं द्वारा स्वरबद्ध कर लिया जाएगा और उसके बाद
जैसे ही वीडियो सेक्शन पूरा होगा, ये एलबम हिंगुलाज भक्तों के लिए
उपलब्ध करा दिया जाएगा .
मित्रो, यह एलबम मेरे लिए एक ख़ास महत्व रखता है . इसलिए आपकी
दुआ, आपके स्नेह और आपके आशीर्वाद की मैं तहेदिल से अपेक्षा करता
हूँ .
जय माँ हिंगुलाज
-अलबेला खत्री
यह बताते हुए अतीव हर्ष का अनुभव कर रहा हूँ कि श्री लेखराज खत्री
और मेरे द्वारा निर्मित की जा रही ऑडियो / वीडियो "जय माँ हिंगुलाज"
का काम बड़ी तेज़ी से हो रहा है . संगीत जगत में सुप्रसिद्ध स्वर मन्दिर
के श्री पारस सोनी के अथक श्रम और सतत समर्पित सहयोग से संगीत
का काम पूरा हो चुका है . अगले हफ्ते सभी भजनों को देश के जाने माने
गायक - गायिकाओं द्वारा स्वरबद्ध कर लिया जाएगा और उसके बाद
जैसे ही वीडियो सेक्शन पूरा होगा, ये एलबम हिंगुलाज भक्तों के लिए
उपलब्ध करा दिया जाएगा .
मित्रो, यह एलबम मेरे लिए एक ख़ास महत्व रखता है . इसलिए आपकी
दुआ, आपके स्नेह और आपके आशीर्वाद की मैं तहेदिल से अपेक्षा करता
हूँ .
जय माँ हिंगुलाज
-अलबेला खत्री
hingulaj , जय माँ हिंगलाज, हिंगोल माता, हिंगुला तीर्थ, अलबेला खत्री, हिन्दू मन्दिर, शक्ति पीठ |
6 comments:
अग्रिम बधाई स्वीकार करें
शुभकामनाएं.
अग्रिम बधाई स्वीकार करें
--- शायद आपको पसंद आये ---
1. DISQUS 2012 और Blogger की जुगलबंदी
2. न मंज़िल हूँ न मंज़िल आशना हूँ
3. ज़िन्दगी धूल की तरह
एक शब्द रचनाकार के अलावा सब कुछ अंगरेजी में लिखा होना अजीब सा लगा.
आदरणीय राहुल सिंह जी,
नमस्कार
आपका कथन सटीक है. अजीब लगना ही चाहिए . परन्तु इसके पहले सभी पोस्टर हिन्दी में बनाए गये थे और आगे गुजराती, उर्दू, मराठी और पंजाबी में भी बनेंगे . कुछ एक अंग्रेजी में उनके लिए बनाए गये हैं जो कि देवनागरी पढ़ नहीं पाते हैं . चूँकि सूचना सभी तक पहुंचानी है इसलिए ये आवश्यक था
सादर
खरगोश का संगीत राग रागेश्री पर आधारित है
जो कि खमाज थाट का सांध्यकालीन राग है,
स्वरों में कोमल निशाद
और बाकी स्वर शुद्ध लगते हैं, पंचम इसमें वर्जित
है, पर हमने इसमें अंत में पंचम का प्रयोग भी किया है,
जिससे इसमें राग बागेश्री भी झलकता है.
..
हमारी फिल्म का संगीत वेद नायेर ने दिया
है... वेद जी को अपने
संगीत कि प्रेरणा जंगल में चिड़ियों कि चहचाहट से मिलती है.
..
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