साहित्यिक वेबसाइट ओ बी ओ बुक्स ऑन लाइन्स पर शानदार सृजन के साथ सम्पन्न 38 वें लाइव महा उत्सव में इस बार का प्रदत्त विषय था "पापा कहते हैं, बड़ा नाम करेगा" अन्तिम क्षणों में मैं भी इसमें शामिल हुआ और प्रदत्त विषय पर निम्नांकित सामयिक तुकबन्दी प्रस्तुत की :
पापा कहते हैं बड़ा काम करेगा
लंगड़ी गुठली को चौसा आम करेगा
हाथों में झाड़ू लिए घूम रहा है
अब ये सफ़ाई सुबहो-शाम करेगा
बन्दर के हाथों में जो आया उस्तरा
अपना ही काम ये तमाम करेगा
चेला गुरु की धोती खींच रहा है
अस्मत ये खादी की नीलाम करेगा
औरों के दीयों से जो तेल चुराये
वो क्या बिजली के सस्ते दाम करेगा
'अलबेला' गर इसे अभी रोक न दिया
जीना ये सबका हराम करेगा
जय हिन्द !
अलबेला खत्री
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