मेरे देश में है एक मुख यदि चन्द्रमुखी
सैकड़ों के मुखड़े उदास मेरे देश में
एक के शरीर पे जो सूट बूट टाई है तो
पाँच सौ पे पुराना लिबास मेरे देश में
काम सारे हो रहे हैं कुर्सी की टांगों नीचे
काग़ज़ों में हो रहे विकास मेरे देश में
दूध है जो मंहगा तो पीयो ख़ूब सस्ता है
आदमी के ख़ून का गिलास मेरे देश में
hindi hasyakavi sammelan in mangalore by MRPL
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शानदार, शानदार, शानदार …………………
शानदार और जानदार रहा मंगलूर रिफ़ाइनरी एंड पेट्रोकेमिकल्स लिमिटेड द्वारा
राजभाषा विभाग के तत्वाधान में डॉ बी आर पाल द्वारा आ...
10 years ago
4 comments:
काम सारे हो रहे हैं कुर्सी की टांगों नीचे
काग़ज़ों में हो रहे विकास मेरे देश में..
ज़बरदस्त लिखा है आपने! सच्चाई को बखूबी प्रस्तुत किया है आपने!
:-) सच्चाई बयान कर दी आपने... बेहतरीन!
आदरणीय अलबेला जी ,
अभिवादन स्वीकारें
पूरा छंद देश के वर्तमान यथार्थ पर करारा व्यंग है किन्तु अंतिम पंक्ति तो रोंगटे खड़े कर दे रही है | आम आदमी कसाई का बकरा ही तो है |
बहुत सुन्दर क्षणिका!
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