वो तन में भी समाया है, वो मन में भी समाया है
जिधर देखूं उधर जलवा, उसी का ही नुमाया है
मेरा मुझमे नहीं कुछ भी, जो कुछ भी है उसी का है
मिटाया था कभी जिसने, उसी ने फिर बनाया है
hindi hasyakavi sammelan in mangalore by MRPL
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शानदार, शानदार, शानदार …………………
शानदार और जानदार रहा मंगलूर रिफ़ाइनरी एंड पेट्रोकेमिकल्स लिमिटेड द्वारा
राजभाषा विभाग के तत्वाधान में डॉ बी आर पाल द्वारा आ...
10 years ago
5 comments:
बहुत सुन्दर!
विध्वंस के बाद ही निर्माण होता है!
Beautiful creation Albela ji.
बहुत सच कहा है...
wahhhhhhhhhh albela ji
bahut khoob...laajavab panktiyan
yun hi koi kisi ko pasand nahi karta kuch na kuch to khas hota hai ..jo log khiche chale aate hai aapki taraf
वाह...वाह...वाह...बेहतरीन!
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