उसी रब को अखरने में गुज़ारी है हयात अपनी
सजाई है यहाँ जिसने ये सारी क़ायनात अपनी
गये - गुज़रे हैं हम कितने, उसी को भूल बैठे हैं
जो करता है निगहबानी, यहाँ दिन और रात अपनी
hindi hasyakavi sammelan in mangalore by MRPL
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शानदार, शानदार, शानदार …………………
शानदार और जानदार रहा मंगलूर रिफ़ाइनरी एंड पेट्रोकेमिकल्स लिमिटेड द्वारा
राजभाषा विभाग के तत्वाधान में डॉ बी आर पाल द्वारा आ...
10 years ago
3 comments:
बड़े मूड मैं लग रहे हैं खत्री जी.
वाह वाह जी.बहुत खुब
वाह ! क्या बात है! बहुत खूब!
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