लौजी ! अपन ने तो पूरा ज़ोर लगा लिया ।
नतीजा कुछ निकला नहीं ।
न तो भ्रष्टाचार मिटा, न मंहगाई घटी, न हिंसा पर लगाम लगी और न ही
जीवन में किसी प्रकार का आध्यात्मिक उजाला हुआ । इसलिए आज मैं
अपने घोड़ों को कुछ दिन के लिए खुला छोड़ कर पवन पुत्र हनुमान जी की
शरण ले रहा हूँ । क्योंकि बाकी सारे देवी-देवता तो घर-परिवार वाले हैं ।
उनके अपने पारिवारिक जीवन के कई झंझट होंगे, अपन उन्हें और परेशान
क्यों करें ?
ले दे के एक हनुमान जी ही हैं, जो छड़े मलंग हैं, वज्रदेह हैं, सर्वशक्तिमान हैं,
अजर-अमर हैं और लोगों के संकट मिटाने को सदैव तत्पर रहते हैं ।
लिहाज़ा आज से पूरी निष्ठा, आस्था, श्रद्धा, भावना एवं शुचिता के साथ मैं
कम से कम एक भजन रोजाना रामभक्त हनुमान जी पर रचने का संकल्प
लेता हूँ और ये तब तक रचता रहूँगा जब तक कि मेरा मनोरथ पूरा नहीं हो
जाता अर्थात देश में सुख और शान्ति का वातावरण नहीं बन जाता ।
अपने को किसी पार्टी से कोई मोह नहीं है और किसी पार्टी से कोई विरोध भी
नहीं है क्योंकि अपने को किसी से कोई उम्मीद नहीं है । ये बाबा लोग भी सब
पब्लिक को भौंदू बनाने की मशीनें हैं । इसलिए बाबाओं के बाबा परमबाबा
गदाधर बजरंगी बाबा की ओट लेने का मन हुआ है और मेरा मानना है
मन की आवाज़ ज़रूर सुननी और माननी चाहिए ।
तो मित्रो ! आज से आपको मैं हनुमानजी के स्वरचित भजनों को बांचने
और गाने का न्यौता देता हूँ....आते रहिएगा इस बालक को संबल देने ।
जय हनुमान
जय हिन्द !
hindi hasyakavi sammelan in mangalore by MRPL
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शानदार, शानदार, शानदार …………………
शानदार और जानदार रहा मंगलूर रिफ़ाइनरी एंड पेट्रोकेमिकल्स लिमिटेड द्वारा
राजभाषा विभाग के तत्वाधान में डॉ बी आर पाल द्वारा आ...
10 years ago
9 comments:
jai hanuman ...jai jai hanuman !
संकट से हनुमान छुड़ावैं,
मन-कर्म-वचन ध्यान जो लावैं।
हे संकट मोचन अब तो संकटों को जन्म देने वालों को हरो।
जय हो आप की! पर बाबा तुलसी पहले ही कह गए ...
होत न आज्ञा बिनु पैसा रे...
अपने को किसी से कोई उम्मीद नहीं है, ना बाबा, ना नेता, ना ही किसी भगवान से, फ़िर चाहे वो हनुमान जी क्यों ना हो,
बिगड़े काम बनाइए, बनकर कृपा निधान।
कोटि-कोटि वन्दन तुम्हे, पवनपुत्र हनुमान।।
बोल लाल लंगोट वाले की जय।
बोल बाबा बजरंग बली की जय॥
और ये तब तक रचता रहूँगा जब तक कि मेरा मनोरथ पूरा नहीं हो
जाता अर्थात देश में सुख और शान्ति का वातावरण नहीं बन जाता ।
@ इसके लिए तो आपको कई जन्मों तक भजन रचने पड़ेंगे :)
जय जय जय बजरंग बली।
ले दे के एक हनुमान जी ही हैं, जो छड़े मलंग हैं, वज्रदेह हैं, सर्वशक्तिमान हैं,
अजर-अमर हैं और लोगों के संकट मिटाने को सदैव तत्पर रहते हैं ।
लिहाज़ा आज से पूरी निष्ठा, आस्था, श्रद्धा, भावना एवं शुचिता के साथ मैं
कम से कम एक भजन रोजाना रामभक्त हनुमान जी पर रचने का संकल्लेता हूँ और ये तब तक रचता रहूँगा जब तक कि मेरा मनोरथ पूरा नहीं हो जाता अर्थात देश में सुख और शान्ति का वातावरण नहीं बन जाता ।
हम आपके साथ हैं।
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