बहुत इन्तज़ार किया तूने भारत माता !
बड़ा ज़ुल्म सहा,
बड़ी वेदना और पीड़ा से गुज़री
परन्तु अब तेरे करण -अर्जुन आ गये हैं माँ.........
कह दो अब राणा से
कि ठाकुर तो गियो ! गियो !! गियो !!!
-अलबेला खत्री
hindi hasyakavi sammelan in mangalore by MRPL
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शानदार, शानदार, शानदार …………………
शानदार और जानदार रहा मंगलूर रिफ़ाइनरी एंड पेट्रोकेमिकल्स लिमिटेड द्वारा
राजभाषा विभाग के तत्वाधान में डॉ बी आर पाल द्वारा आ...
4 years ago
10 comments:
पक्का... ठाकुर तो गियो ही .. ठाकुर के चमचे भी गियो... ठाकुर की मालकिन भी गियो
बहुत बढ़िया...
Nice post.
आज आदमी बीमार नहीं है र्बिल्क ‘फ़ूड प्रूविंग‘ का शिकार है। हमारा आहार ही हमारे लिए बेहतरीन औषधि है लेकिन हमने अपनी नादानी की वजह से अपने आहार को आज अपने लिए ज़हर बना लिया है।
यह ज़हर इतना है कि इसे लैब में भी टेस्ट कराया जा सकता है। सब्ज़ी, दूध-पानी, मिट्टी और हवा हर चीज़ को ज़हरीला बनाने वाले हम ख़ुद ही हैं और फिर मौसम चक्र का उल्लंघन करके मनमर्ज़ी भोजन करने वाले नादान भी हम ही हैं। अगर हम अपनी ग़लती महसूस करें और तौबा करके अपने खान-पान को मौसम के अनुसार कर लें तो हम अपनी बीमारियों से मुक्ति पा सकते हैं।
भारतीय आयुर्वेदाचार्यों ने इस संबंध में बेहतरीन उसूल दिए हैं:
मिसाल के तौर पर उन्होंने कहा है कि
1. हितभुक 2. मितभुक 3. ऋतभुक
अर्थात हितकारी खाओ, कम खाओ और ऋतु के अनुकूल खाओ।
हमें अपने महान पूर्वजों की ज्ञान संपदा से लाभ उठाना चाहिए।
http://ahsaskiparten.blogspot.com/2011/06/blog-post_3631.html
लेकिन अभी तो कर्ण अर्जुन एक-दुसरे के ही साथ नहीं हैं... दोनों अपनी बातों को मनवाने के लिए असंसदीय रास्ता अपनाना चाहते हैं... इसमें से एक के आन्दोलन में तो माहौल ही ऐसा बनाया गया था कि केवल एक ही धर्म के लोग शामिल हो पाएं... एक-दो लाख लोगो के समर्थन से क्या ठाकुर समाप्त हो जाएगा? क्या यही लोकतंत्र है? या अन्य बचे हुए 110 करोड़ लोगो की इच्छा को जानने या समर्थन की कोई आवश्यकता नहीं है?
प्रेमरस
अच्छा!!! करण-अर्जुन आ गये
अब हम गाँव वालों को ठाकुर के जुल्मों से मुक्ति मिल जायेगी?
प्रणाम स्वीकार करें
ठाकुर कां गियो, वो तो जम्यो हुओ है । फिलहाल तो करण-अर्जुन ही पीटते हुए दिख रिये हें ।
क्या करण और अर्जुन का ठाकुर के खिलाफ यह पुनः जन्म है?
बहुत अच्छी रचना है !मेरे ब्लॉग पर अपना सहयोग दे !
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शानदार लिखा है आपने! देखते हैं आख़िर क्या होता है !
आपकी उत्साहवर्धक टिप्पणी के लिए बहुत बहुत शुक्रिया!
मेरे नए पोस्ट पर आपका स्वागत है-
http://ek-jhalak-urmi-ki-kavitayen.blogspot.com/
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