Albelakhatri.com

Hindi Hasya kavi Albela Khatri's blog

ताज़ा टिप्पणियां

Albela Khatri

भारत माता तेरे करण - अर्जुन आ गये हैं अब ठाकुर तो गियो...गियो.....गियो....





बहुत इन्तज़ार किया तूने भारत माता !

बड़ा ज़ुल्म सहा,

बड़ी वेदना और पीड़ा से गुज़री



परन्तु अब तेरे करण -अर्जुन गये हैं माँ.........

कह दो अब राणा से

कि ठाकुर तो गियो ! गियो !! गियो !!!


-अलबेला खत्री


9 comments:

Padm Singh June 13, 2011 at 6:24 AM  

पक्का... ठाकुर तो गियो ही .. ठाकुर के चमचे भी गियो... ठाकुर की मालकिन भी गियो

राजीव तनेजा June 13, 2011 at 7:43 AM  

बहुत बढ़िया...

DR. ANWER JAMAL June 13, 2011 at 9:23 AM  

Nice post.
आज आदमी बीमार नहीं है र्बिल्क ‘फ़ूड प्रूविंग‘ का शिकार है। हमारा आहार ही हमारे लिए बेहतरीन औषधि है लेकिन हमने अपनी नादानी की वजह से अपने आहार को आज अपने लिए ज़हर बना लिया है।
यह ज़हर इतना है कि इसे लैब में भी टेस्ट कराया जा सकता है। सब्ज़ी, दूध-पानी, मिट्टी और हवा हर चीज़ को ज़हरीला बनाने वाले हम ख़ुद ही हैं और फिर मौसम चक्र का उल्लंघन करके मनमर्ज़ी भोजन करने वाले नादान भी हम ही हैं। अगर हम अपनी ग़लती महसूस करें और तौबा करके अपने खान-पान को मौसम के अनुसार कर लें तो हम अपनी बीमारियों से मुक्ति पा सकते हैं।
भारतीय आयुर्वेदाचार्यों ने इस संबंध में बेहतरीन उसूल दिए हैं:
मिसाल के तौर पर उन्होंने कहा है कि
1. हितभुक 2. मितभुक 3. ऋतभुक
अर्थात हितकारी खाओ, कम खाओ और ऋतु के अनुकूल खाओ।
हमें अपने महान पूर्वजों की ज्ञान संपदा से लाभ उठाना चाहिए।
http://ahsaskiparten.blogspot.com/2011/06/blog-post_3631.html

Shah Nawaz June 13, 2011 at 10:13 AM  

लेकिन अभी तो कर्ण अर्जुन एक-दुसरे के ही साथ नहीं हैं... दोनों अपनी बातों को मनवाने के लिए असंसदीय रास्ता अपनाना चाहते हैं... इसमें से एक के आन्दोलन में तो माहौल ही ऐसा बनाया गया था कि केवल एक ही धर्म के लोग शामिल हो पाएं... एक-दो लाख लोगो के समर्थन से क्या ठाकुर समाप्त हो जाएगा? क्या यही लोकतंत्र है? या अन्य बचे हुए 110 करोड़ लोगो की इच्छा को जानने या समर्थन की कोई आवश्यकता नहीं है?

प्रेमरस

अन्तर सोहिल June 13, 2011 at 10:19 AM  

अच्छा!!! करण-अर्जुन आ गये
अब हम गाँव वालों को ठाकुर के जुल्मों से मुक्ति मिल जायेगी?

प्रणाम स्वीकार करें

Sushil Bakliwal June 13, 2011 at 10:31 AM  

ठाकुर कां गियो, वो तो जम्यो हुओ है । फिलहाल तो करण-अर्जुन ही पीटते हुए दिख रिये हें ।

सचिन लोकचंदानी June 13, 2011 at 12:40 PM  

क्या करण और अर्जुन का ठाकुर के खिलाफ यह पुनः जन्म है?

Urmi June 14, 2011 at 9:14 AM  

शानदार लिखा है आपने! देखते हैं आख़िर क्या होता है !

Urmi June 15, 2011 at 12:12 PM  

आपकी उत्साहवर्धक टिप्पणी के लिए बहुत बहुत शुक्रिया!
मेरे नए पोस्ट पर आपका स्वागत है-
http://ek-jhalak-urmi-ki-kavitayen.blogspot.com/

Post a Comment

My Blog List

myfreecopyright.com registered & protected
CG Blog
www.hamarivani.com
Blog Widget by LinkWithin

Emil Subscription

Enter your email address:

Delivered by FeedBurner

Followers

विजेट आपके ब्लॉग पर

Blog Archive