पहले तो मैं हँसा, फिर ज़ोरदार ठहाका लगाया और अंततः खामोश
हो कर बैठ गया . उसने पूछा - क्या हो गया तुम्हें ? कभी हँसते हो-
कभी चुपचाप बैठ जाते हो .
मैंने कहा - तुमने बात ही ऐसी की है भैये ! तुम कहते हो कि तुम
सबकी पोस्ट पढ़ते हो परन्तु तुम्हारी पोस्ट कोई नहीं पढता ...
आखिर क्यों ?
तो इसमें हँसने वाली बात क्या है ? उसने सवाल किया
मैंने कहा - प्यारे भाई ! ये ब्लोगिंग का मंच है कोई सार्वजनिक
वाचनालय नहीं है . यहाँ लोग पढ़ने नहीं बल्कि अपना लिखा हुआ
पढ़वाने के लिए सक्रिय हैं . लोग अपनी फ़िल्म ख़ुद लिखते हैं, ख़ुद
बनाते हैं, ख़ुद रिलीज़ करते हैं, ख़ुद उसके पोस्टर चिपकाते हैं, ख़ुद
ही समीक्षा करके और देख-देख कर हिट बनाते हैं और ख़ुद ही उसका
अवार्ड भी प्राप्त कर लेते हैं अपने ही कर कमलों द्वारा .........
मतलब ? वह चौंका........
चौंक मत मित्र ! यहाँ सब विद्वान हैं . विद्वान का धर्म अपनी विद्वता
से लोगों को लाभान्वित करना है . यहाँ सब हलवाई हैं. हलवाई अपनी
मिठाई लोगों को बेचता है - बाज़ार जा कर दूसरे हलवाई की मिठाई नहीं
खाता . या यों समझ कि खैर जाने दे, कोई बुरा मान जायेगा खामख्वाह...
यानी मेरे ब्लॉग पर कोई नहीं आएगा मेरा लिखा बांचने के लिए ?
क्यों नहीं आएगा ..ज़रूर आएगा ..लेकिन इनमे से किसी की शिकायत
मत कर...हाँ तुझे पाठक चाहियें तो एक काम कर.......
क्या ?
अपनी हर पोस्ट में कहीं कहीं जगह बना कर sex , sexy ,sexy women,
young lady, bhabhi ,sali, nude, crime, xxx jokes, gay, nude
dance party , fun और इससे मिलते जुलते कुछ शब्द अपनी
बुद्धिनुसार घुसेड़ दिया करो .
इससे क्या होगा ?
तुम करके देखो..तो सही..पाठक कैसे टूट के पड़ते हैं हा हा हा हा हा
मेरी समझ में कुछ नहीं आया
लेकिन मेरी समझ में आगया है प्यारे कि google search से जब
तक लोग नहीं आते, तब तक ब्लॉग पर पाठकों का अभाव ही रहेगा .
इसलिए मैंने तो अपना इंतज़ाम कर लिया ...अब तू भी कर ले.
.हा हा हा..
अच्छा मुझे facebook पर माथा मारी करनी है .फिर मिलते हैं
जय हिन्द !
hindi hasyakavi sammelan in mangalore by MRPL
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शानदार, शानदार, शानदार …………………
शानदार और जानदार रहा मंगलूर रिफ़ाइनरी एंड पेट्रोकेमिकल्स लिमिटेड द्वारा
राजभाषा विभाग के तत्वाधान में डॉ बी आर पाल द्वारा आ...
10 years ago
9 comments:
bade sateek anubhav hain apke kayal ho gaya hun ...
बिल्कुल सही कहा आपने :) :D
लेकिन मेरी समझ में आगया है प्यारे कि google search से जब
तक लोग नहीं आते, तब तक ब्लॉग पर पाठकों का अभाव ही रहेगा .
इसलिए मैंने तो अपना इंतज़ाम कर लिया ...अब तू भी कर ले.
.हा हा हा..
अरे वाह, बढिया तरीका दिया है जी। लेकिन मैं कहां से sexy nude घुसेडूं?
हा हा हा हा सही कह रहे हैं सर आप
पर मै तो मस्ती में लिखता हूँ कोई पढ़े तो बढ़िया नहीं पढ़े तो उनकी मर्जी
अपन तो लिखते हैं सबका पढते हैं जो पढ़े वो अच्छा जो ना पढ़े उनकी मर्जी
बस खुद को मजा आता है लिखने में तभी लिखता हूँ नहीं तो नहीं लिखता
जीँ हाँ 850 रुपये महीना इसका किराया भी तो है!
:)
सही जुगाड सुझा रहे हो गुरुदेव...
जुगाड़ कारगर है महाराज
प्रयोग करके पहले ही देख लिया है।
हा हा हा हा
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