न मैं मांगूं नोट आपसे, न मैं मांगूं वोट
मैं तो मांगूं गद्दारों के सिर पर गहरी चोट
ताकि मेरे प्यारे देश का हर संकट कट जाये
खिले उजाला चहुँओर, ये अन्धकार हट जाये
आओ आओ हनुमान
बचाओ हनुमान
हिन्दू, मुस्लिम, सिक्ख, इसाई, बौद्ध, पारसी, जैन
मिल के रहें आपस में तो आनन्दित हों दिन-रैन
तमिल, तेलगु ,गुजराती, पंजाबी, राजस्थानी
मुम्बईकर हों या कि बिहारी, सब हैं हिन्दुस्तानी
उसकी इससे,इसकी उससे अगर यहाँ पट जाये
खिले उजाला चहुँओर, ये अन्धकार हट जाये
आओ आओ हनुमान
बचाओ हनुमान
धर्म करें न करें, मगर हम पापमुक्त हो जाएँ
करुणा से भर जाएँ तो हम शापमुक्त हो जाएँ
स्वार्थ और लालच की ज्वाला से यदि छूटे नाता
तो फिर खुल कर मुस्काएगी अपनी भारत माता
सब आपस में भ्राता-भ्राता यदि हमको रट जाये
खिले उजाला चहुँओर, ये अन्धकार हट जाये
आओ आओ हनुमान
बचाओ हनुमान
-अलबेला खत्री
hindi hasyakavi sammelan in mangalore by MRPL
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शानदार, शानदार, शानदार …………………
शानदार और जानदार रहा मंगलूर रिफ़ाइनरी एंड पेट्रोकेमिकल्स लिमिटेड द्वारा
राजभाषा विभाग के तत्वाधान में डॉ बी आर पाल द्वारा आ...
10 years ago
8 comments:
वाह क्या कहने!
--
जिनको सौंपी पहरेदारी,
वो करते हैं चोरी-जारी,
खाकर करते नमक हरामी,
खुले आम करते गद्दारी,
चाँदी-सोना लूट लिया सब,
खम्बों पर धर दिये मुलम्मे।
सबको कुतर रहे भीतर घुस,
घुन बनकर कुछ कीट निकम्मे।।
बहुत सुन्दर,
इसको रिकोर्ड कर के भी डाल देंगे तो मजा आ जायेगा
हिन्दू, मुस्लिम, सिक्ख, इसाई, बौद्ध, पारसी, जैन
मिल के रहें आपस में तो आनन्दित हों दिन-रैन
तमिल, तेलगु ,गुजराती, पंजाबी, राजस्थानी
मुम्बईकर हों या कि बिहारी, सब हैं हिन्दुस्तानी
बहोत सुन्दर विचार..
repeatition nazar aane laga hai....isliye yadi vishay-vistaar karenge to or bhi mazaa aaega....yadypi ye sabhi geet badiya hain....in ki recording kab ho rahi hai...? in sughad or saarthak geeton ke liya badhaiiiiiiiii......
आपके प्यार के संदेश को आप देखिए हमारे शब्दों में
''बीज गर नफरत के बोये जायेंगे,
फल मोहब्बत के कहाँ से लायेंगे.''
------
भारत की भूमि प्यार से लबालब है। यह ख़ुशी की बात है।
जहां प्यार होगा वहां श्रृद्धा ज़रूर होगी।
हम भारतवासी इसी प्यार के बलबूते पर जीते हैं।
तमाम कष्टों के बावजूद भी यह प्यार हमें आज भी नसीब है।
यही हमारी संस्कृति है और यही हमारा धर्म है।
धर्म के प्रति यहां ज़्यादातर लोगों में अपार श्रृद्धा है। कोई इस श्रृद्धा को सही दिशा दे सके, उसका यहां सदा से स्वागत है।
प्यार का रिश्ता ही इंसानियत की पहचान है I love my India
इस लिंक पर आएं और
हनुमान भक्त बग़ल में पाएं !
आपके प्यार के संदेश को आप देखिए हमारे शब्दों में
''बीज गर नफरत के बोये जायेंगे,
फल मोहब्बत के कहाँ से लायेंगे.''
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भारत की भूमि प्यार से लबालब है। यह ख़ुशी की बात है।
जहां प्यार होगा वहां श्रृद्धा ज़रूर होगी।
हम भारतवासी इसी प्यार के बलबूते पर जीते हैं।
तमाम कष्टों के बावजूद भी यह प्यार हमें आज भी नसीब है।
यही हमारी संस्कृति है और यही हमारा धर्म है।
धर्म के प्रति यहां ज़्यादातर लोगों में अपार श्रृद्धा है। कोई इस श्रृद्धा को सही दिशा दे सके, उसका यहां सदा से स्वागत है।
प्यार का रिश्ता ही इंसानियत की पहचान है I love my India
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बिलकुल सौ टके की रचना सब हिन्दुस्तानी हैं ... आभार बढ़िया रचना के लिए
धर्म करें न करें, मगर हम पापमुक्त हो जाएँ
करुणा से भर जाएँ तो हम शापमुक्त हो जाएँ
स्वार्थ और लालच की ज्वाला से यदि छूटे नाता
तो फिर खुल कर मुस्काएगी अपनी भारत माता...
सटीक लिखा है आपने! बहुत बढ़िया लगा ! उम्दा रचना!
मेरे नए पोस्ट पर आपका स्वागत है-
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http://ek-jhalak-urmi-ki-kavitayen.blogspot.com/
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