प्रतिभावान कवयित्री उर्मिला 'उर्मि' के प्रथम काव्य-संग्रह "कुछ मासूम से पल"
का भव्य विमोचन एवं लोकार्पण समारोह हास्य-व्यंग्य के खिलखिलाते कवि-
सम्मेलन के साथ सूरत के शानदार एस पी बी ऑडिटोरियम { दक्षिण गुजरात
चैम्बर्स ऑफ़ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज़ मुख्यालय } में सम्पन्न हुआ . रचनाकार
साहित्य संस्थान एवं इंडिया रिनल फाउंडेशन के साझा संयोजन में विमोचनकर्ता
मुख्य अतिथि एडीशनल कलक्टर श्री अजीत एम धणदे ( निदेशक जिला ग्रामीण
विकास अधिकरण ) ने दीप प्रज्ज्वलित करके समारोह का उदघाटन किया .
समारोह की अध्यक्षता हिन्दी विद्या भारती के मुख्य ट्रस्टी श्री जय प्रकाश गर्ग ने की
जबकि विशिष्ट अतिथि के रूप में हिन्दी विद्या भारती के सचिव श्री राजीव सचदेवा,
पार्षद, भाजपा नेता एवं सक्रिय समाजसेवी श्री दीपक भाई अफ्रीकावाला, प्रमुख
समाजसेवी श्रीमती मीना मांडलेवाला व पुस्तक के प्रकाशक श्री विजय तिवारी ने
आयोजन की शोभा बधाई .
अपने शिष्ट विशिष्ट एवं प्रभावशाली मंच संचालन में रचनाकार के उपाध्यक्ष
(सुपरिचित कलाकार) श्री नरेश कापड़िया ने लोकार्पण समारोह सम्पन्न कराया
तथा रचनाकार साहित्य संस्थान का संक्षिप्त परिचय दिया .
साहित्यप्रेमी व समाजसेवी श्री निर्मलेश आर्य ने उर्मिला उर्मि तथा उनकी
पुस्तक पर चर्चा की
मुख्यातिथि श्री धणदे ने काव्य-संग्रह 'कुछ मासूम से पल' का लोकार्पण किया
तथा सभी अतिथिजन का स्वागत शब्द-सुमन से उर्मिला उर्मि ने किया .
संस्था के संस्थापक अध्यक्ष हास्यकवि अलबेला खत्री के रसपूर्ण मंच संचालन
में हास्य कवि-सम्मेलन चला और ऐसा चला कि उपस्थित लोगों ने खूब ठहाके
लगाए . विशेष रूप से आमंत्रित हास्यकवि श्री योगेन्द्र मौदगिल { पानीपत} के
अलावा कवि विजय तिवारी शायर अतीक दानिश, आसिफ खान , महबूब
आलम, कवयित्री उर्मिला उर्मि व स्वयं अलबेला खत्री ने जम कर काव्य-पाठ
किया .
लगभग तीन घंटे चले इस कार्यक्रम में इंडिया रिनल फाउंडेशन के संजय
चावड़ा व उनके अनेक साथी कार्यकर्ताओं ने भरपूर सहयोग किया जिसके
चलते पूरा आयोजन सफलता पूर्वक सम्पन्न हुआ .
समारोह में श्रीमती भावना बेन जानी, श्रीमती बिंदु शर्मा, कमल गर्ग, गोपी किशन
छूंछा व श्रीमती प्रभा जैन समेत नगर के अनेक साहित्यप्रेमी उपस्थित रहे .
5 comments:
उर्मिला जी को बहुत-बहुत बधाई और आपको भी बहुत-बहुत बधाई कि आपने इसकी रिपोर्ट हम तक पहुंचाई
दो गलतियाँ स्वीकारें......
१. अलबेला जूनियर का ढंग से परिचय नहीं दिया..
२. गोभी भाई खम्बा वाले कहीं नज़र नहीं आ रहे..
इसके अलावा रिपोर्ट टनाटन........
आपको साधुवाद और उर्मिला जी के लिए ये मुखड़ा सादर पेश है.........
इशारों इशारों में दिल लेने वाले
बता ये हुनर तूने सीखा कहाँ से
आपके न्यौते के बावजुद हमें ना आनेका बडा ही अफ़सोस रहा। ख़ेर बधाई हो कुछ मासुम से पल औए कविसंम्मेलन के लिये।
bahut hi aacha laga aap logoka melap
aab ka badae
bahut behatareen report!
meri pustak ke vimochan samaroh men aane ke liye sabhi mitron ka dhanyawad !
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