लाखों तेरे मन्दिर बाबा, लाखों तेरे धाम
लाखों तेरी प्रतिमाएं हैं, लाखों तेरे नाम
मैं छोटा, मेरी मति भी छोटी, देख देख घबराऊं
तुमही बताओ कहाँ पे जा के, अपना शीश झुकाऊं
बता नाम असली
तेरा धाम असली
जिसके जी में जैसा आया,वैसा रूप बनाया
स्वांग तुम्हारे देख-देख मेरा दिमाग चकराया
कहीं बना बैठा रोकड़िया, कहीं पे मंगलकारी
कहीं बना है भूत भगाऊ, कहीं पे पर्वतधारी
टिकट मैं मेहंदीपुर की लूँ या सालासर की लाऊं
वाराणसी संकटमोचन या चानणधाम मैं जाऊं
बता नाम असली
तेरा धाम असली
पीपलेश्वर, नीमेश्वर, कहीं घंटेश्वर बना खड़ा है
कहीं विराजित मन्दिर में, कहीं सड़क के बीच पड़ा है
एकमुखी, दोमुखी, कहीं पर पंचमुखी बलवन्ता
उत्तरमुख कहीं दक्षिणमुख, कहीं पश्चिममुख हनुमन्ता
कहाँ कहाँ जाकर 'अलबेला' मैं अब भोग लगाऊं
सवामणी लेकर आया मैं , बोलो कहाँ चढाऊं
बता नाम असली
तेरा धाम असली
3 comments:
वाह क्या बात कही है?
जितने भक्त उतने ही हनुमान।
भाई जी
आप हनुमान जी को केंद्र की १००% सर्टीफायड सेकुलर सरकार के खिलाफ उकसा कर केंद्र सरकार को अस्थिर करने की कोशिश कर रहे है, अब तो आपकी इस योजना के चलते भविष्य में क्या क्या हो सकता है उस पर हमें भी एक पोस्ट लिखनी पड़ेगी|
ना मै ढूँढू तुमको मंदिर में
ना मै ढूँढू तुमको फुटपाथों पर
मै तो बस पूजूँ तुमको दिल में
दया कर दो हम अनाथो पर
पूजा कैसे करते हैं
मुझे इस बात का ज्ञान नहीं
जेब है मेरी खाली खाली
तुम्हे चढाने को मेरे पास दान नहीं
जो खाली हाथ मै मंदिर जाता हूँ
पंडित जी से दुत्कार मै खाता हूँ
तुम्हे चढा सकूँ मै दान अत:
कुछ जीरो बढाओ मेरे बैंक के खातों पर
मै तो बस पूजूँ तुमको दिल में
दया कर दो हम अनाथो पर
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आप भी बजरंग भक्त है मै भी तो उनके ही सम्मान में कुछ लिखा है :)जो आपकी पोस्ट के बाद ही लिखाया है
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