तुम गुल बनके आओगे तो गुलाब दूंगा
गिन गिन के नहीं दूंगा, बेहिसाब दूंगा
तुम ताल में आओ तो मैं सुर बन जाऊं
पर सवाल करते रहोगे तो जवाब दूंगा
मैं तो चाहता हूँ कि कोई मुझ पर भारी पड़े
पर जब भी पड़े भारी तो नर नहीं नारी पड़े
बेताबी इधर भी है मगर फरियाद नहीं करेंगे
मुन्तज़िर तो हम भी हैं पर याद नहीं करेंगे
_अरे भई क्यों करें ?
भुलाया ही कब था ?
जो बात छुपा कर रखी है, वो बात न मुझसे पूछो तुम.........
कितनी आहें कितने आंसू, हालात न मुझसे पूछो तुम..........
नाम काटना क्या ज़रूरी है ?
आखिर... क्या मज़बूरी है ?
दिल तो दिल से जुड़ा हुआ है
बस कहने की दूरी है
singer dilip pandey, kavi albela khatri, musician shekhar desh pande & singer pronita deshpande in finix arizona USA |
5 comments:
नाइस.
सूफ़ी
साधना से आध्यात्मिक उन्नति आसान है Sufi silsila e naqshbandiya
http://vedquran.blogspot.com/2012/01/sufi-silsila-e-naqshbandiya.html
वाह!..क्या बात है!
gul bankar aayenge ...ha ha ha ...lajwab rahi ye post
बढ़िया तुकबंदी :)
मस्त... लेकिन ऊपर?? नारी?? भारी??
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