एक क्रिकेटर ने
6 गेंदों पर 6 छक्के लगाए
उसे 1-1 करोड़ के कई इनाम
तथा कई घर, कारें व कीमती तोहफ़े मिले
एक ओलंपियन ने अपनी निशानेबाजी से
स्वर्ण पदक प्राप्त किया
उसे भी करोड़ों रुपयों के पुरस्कार
व अन्य उपहार मिल गये
बेशक इन दोनों ने देश का गौरव बढ़ाया
लेकिन
लेकिन
लेकिन
पिछले दिनों एक जांबाज़ सिपाही ने
आतंकवादियों पर सटीक निशाना लगाया
उन्हें मार कर देश बचाया
और अपनी छाती पर
अनेक गोलियां खा कर भी जो रुका नहीं
मौत के आगे भी जो बहाद्दुर झुका नहीं
उसकी मौत पर
अथवा शहादत पर
अथवा बलिदान पर
अथवा कुर्बानी पर
कुल 4 लाख रूपये प्रदान किये गये
शाबास इण्डिया !
मेरा भारत महान
जय हिन्द !
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hindi hasyakavi sammelan in mangalore by MRPL
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शानदार, शानदार, शानदार …………………
शानदार और जानदार रहा मंगलूर रिफ़ाइनरी एंड पेट्रोकेमिकल्स लिमिटेड द्वारा
राजभाषा विभाग के तत्वाधान में डॉ बी आर पाल द्वारा आ...
10 years ago
15 comments:
यही रोना है हमारे देश में कुछ ऐसा ही हो रहा हैं जिन्हे ज़रूरत है उन्हे कुछ नही मिल रहा है और जो भरे है उन्हे मालामाल किया जा रहा है..बढ़िया प्रसंग उठाई आपने पर किसी की आँख खुले तब ना....धन्यवाद अलबेला जी
मेरा भारत महान
सही कहा । मेरा भी भारत महान।
यही तो रोना है!
लाजवाब...
यही तो विडंबना है अपने देश की कि जिन्हें ज़रूरत है...जिन्हें आवश्यकता है ...उनके लिए अपने पास फूटी कौड़ी भी नहीं है और जो पहले से रजे हुए हैं...उन्हें ठूस-ठूस के खिलाया -पिलाया जा रहा है
यही वो बाते है जिन से दिल दुखता है
जो मरे कोई "नेता" तो रोते है हजारो,
झुकते है "झंडे" और "सिर" भी |
न होती कोई आँख नम,
न पड़ता फर्क किसी को,
जवान बेटे , भाई होते शहीद ,
जब जब गिरते 'मिग' मेरे देश में ..... |
रोता है दिल ,रोता हूँ मैं भी ....
क्यों है "शहादत" के यह हाल मेरे देश में ...??
घर घर शहीद की बेवा,
क्यों मांजती है थाल मेरे देश में .....??
नहीं है कोई बैर नेताओ से मुझ को,
न मैं कहेता कि "जाए" कोई भी 'एसे',
रहेगा "गणतंत्र" तो रहेगे नेता भी,
है दुनिया का सब से बड़ा प्रजातंत्र मेरे देश में ...|
बस चाहता हूँ इतना .....,
कि मिले शहीदों को मान मेरे देश में ....||
फ़िर कहेता हूँ यारो याद रखना ......
बस इतना याद रहे ....एक साथी और भी था ||
satya vachan
बिल्कुल सही कहा अलबेला जी.....
इस देश की यही विडम्बना हैं.....शहादत की कीमत तो ज्यादा से ज्यादा पत्थर के एक बुत्त तक सीमित है.....
अगर देश पर मर मिटने वाले शहीद के परिवार की आर्थिक सुरक्षा में कमी रह जाती हैं तो ये हमारे प्रजातंत्र के लिए शर्म की बात हैं.......शहादत तो अमूल्य हैं......परन्तु शहीद के परिवार का भविष्य अच्छा रहे और वो परिवार देशभक्ति की भावना से ओतप्रोत हो कर अपने बच्चो को शहीद के नक़्शे कदमो पर चलने के लिए प्रेरित करी, इसके लिए देश को उनका ख्याल रखना ही होगा
ांलबेला जी फिर भी मेरा भारत महान है शुभकामनायें
लगती पग-पग यहाँ दिल को ठेस है,
टेंशन मत लो सरजी, गधो का देश है !
एक कान से सुनो, दूसरे से निकाल दो,
ये भी मुमकिन न हो तो रूइं डाल दो !!
बहस करके क्यों फिजूल पालता कलेश है,
टेंशन मत लो सरजी, गधो का देश है !
किस-किस की सुनोगे और जबाब दोगे,
जिसे देखो वही ढेंचू-ढेंचू कर रहा है !
अनाज गोदामों में सड़कर बेकार हो गया,
इंसान कुत्ते की मौत भूख से मर रहा है !!
लूटता यहाँ से है, संभालता उसे विदेश है,
टेंशन मत लो सरजी, गधो का देश है !
बढिया है।
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