बचपन से
सुनता आया हूँ कि गरजने वाले बादल
कभी बरसते नहीं हैं ।
लेकिन आज तक किसी ने
ये नहीं बताया कि क्यों नहीं बरसते हैं ?
आज मेरी समझ में तो आ गया
कि गरजने वाले बादल केवल गरज कर
ही क्यों रह जाते हैं , बरसते क्यों नहीं हैं लेकिन
मैं जानना चाहता हूँ
कि क्या यह अनुभव और भी किसी को हुआ है ?
क्या कोई विद्वान् मित्र
बता सकता है कि ऐसा क्यों होता है ?
यदि हाँ ! तो बताइये !! मैं प्रतीक्षा कर रहा हूँ !!!
-अलबेला खत्री
HASYA KAVI ALBELA KHATRI
AS A BHRASHT NETA
IN LAUGHTER KE PHATKE
TONIGHT 10 P.M. ON STAR ONE
hindi hasyakavi sammelan in mangalore by MRPL
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शानदार, शानदार, शानदार …………………
शानदार और जानदार रहा मंगलूर रिफ़ाइनरी एंड पेट्रोकेमिकल्स लिमिटेड द्वारा
राजभाषा विभाग के तत्वाधान में डॉ बी आर पाल द्वारा आ...
10 years ago
12 comments:
मैं तो विद्वता में आपसे बहुत छोटा हूँ फिर भी प्रयास करने पर यही समझ में आता है की उनकी सारी उर्जा बस फालतू के गर्जन में ही निकल जाता है अब बरसे कहाँ से....बाकी तो सटीक उत्तर का जवाब मैं खुद भी ढूढ़ रहा हूँ..पर आइडिया बहुत अच्छा है..
समझ में आ गया तो बता भी दीजिए .. हमलोगों को भी जानकारी मिले !!
wahwa.....
हम भी जानना चाहते है....
क्यों बरस रहे हो भई :-)
बी एस पाबला
विनोद जी की बात ठीक लगती है. लेकिन हम आपका जवाब जानना चाहते हैं.
ITNEE JALDI MUJHSE MAT POOCHHO VANDNAA JI !
ZARAA SOCHO ! DIMAAG LADAAO ! MEHNAT TOH KARO !
MAIN TOH BATAA HI DOONGA..........
LEKIN RAAAAAAAAAAAAAAAAAAAZ ABHI BAAKI HAI
बता भी दो मेरे भाई!! :)
वह आशिक ही क्या जो तरसे न
वह बादल ही क्या जो बरसे न
Aap hi bata deejiye:)
भई हम भी आप ही से जानना चाहेंगें :)
मुझे लगता है कि विनोदजी का कमेन्ट ही इसका सही जवाब है।
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