शादी की तारीख पक्की
करने से पहले ही
पक्का किया जाता है लगेज मेरे देश में
तब कहीं होती है नसीब
यहाँ बेटियों को
ससुराल की सुहाग सेज मेरे देश में
गरीबों की बेटियों का
ब्याह हो गया है आज
काम बड़ा मुश्किल अंगेज मेरे देश में
रोज़-रोज़ दस-बीस
मासूमों का खून देखो
चूसता ही जा रहा दहेज मेरे देश में
hindi hasyakavi sammelan in mangalore by MRPL
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शानदार, शानदार, शानदार …………………
शानदार और जानदार रहा मंगलूर रिफ़ाइनरी एंड पेट्रोकेमिकल्स लिमिटेड द्वारा
राजभाषा विभाग के तत्वाधान में डॉ बी आर पाल द्वारा आ...
10 years ago
6 comments:
nice
पता नहीं दहेज की यह कुप्रथा कभी खत्म होगी भी कि नहीं। दहेज देने का समय आता है तो सभी दहेज विरोधी बन जाते हैं किन्तु लेने के समय किसी को भी दहेज के विरोध का ध्यान नहीं आता।
सच से रूबरु करवाती रचना बधाई
आपने तो बहुत ही बढ़िया लिखा है जी!
आपकी आज्ञा हो तो
हम भी इस विषय पर कुछ तुकबन्दी करें।।
बहुत अच्छा लिखा आपने हम लोग तो मजे कर चुके, मेरा तीसरा मतलब है कि हमारे दिन तो बीत चुके हमें क्या समझना, अब अगलों को समझाऐं क्यँकि हम बेटी वाले हैं न
बहुत बढिया लिखा, इसलिए भी और हमारे सहजात को आपको चटका देने की आदत है इसलिए भी चटका न. 4
और अधिक चाहिए तो बताऐं माशाअल्लाह हम अवध से 4 चटके ला सकते हैं
Jabtak dahez lenewale hain, denewale hongehee honge!
"Gazab Qanoon" pe comment ke liye shukriya! Is qanoon ke bareme jagrukta behad zarooree hai...warna aatankwaad hat nahee sakta!
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