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| show details 9:20 AM (35 minutes ago) |
आपको बधाई। पर, एकाध एपीसोड मैंने इसके देखे और इसमें बहुत सारा मसाला घटिया एडल्ट कॉमेडी क्यों होता है? यदि हो सके तो इसे थोड़ा साफ सुथरा रूप दें, तो वाकई मजा आए.
आदरणीय रवि रतलामी जी !
नमस्कार ।
सबसे पहले तो आपको धन्यवाद कि आपने मेरे ब्लॉग पर आ कर
अपनी बात कही और मुझे बधाई दी ।
अब सवाल ये है कि "मसाला घटिया एडल्ट कॉमेडी क्यों होता है"
इस पर मेरा निवेदन ये है कि -
* चैनल वालों ने ये मान लिया है कि दर्शक मूर्ख हैं और वाहियात
प्रोग्राम ही पसन्द करते हैं । चूँकि लगभग सभी बड़े चैनल बहुराष्ट्रीय
कम्पनियां हैं जो भारत की पसन्द को महानगरीय जनता के रुझान से
ही आंकते हैं इसलिए भारतीय जीवन की मूल ग्राम्य और कस्बाई
जनता से इन्हें कोई सरोकार ही नहीं है ।
**हास्य के नाम पर हास्यास्पद और फूहड़ काम इसलिए हो रहा है कि
अच्छे लेखन का अकाल है । जब कुछ बेहतरीन लिखा ही नहीं जाएगा तो
अभिनीत कैसे होगा ?
***चैनल वाले ये भी मानते हैं कि अगर एडल्ट कॉमेडी नहीं की गयी तो
trp कम हो जायेगी क्योंकि जिस दर्शक को अश्लीलता देखनी है वह
वही देखेगा , यदि हम नहीं दिखाएँगे तो कोई और दिखायेगा या फिर
दर्शक इंग्लिश चैनल पर जाएगा ...............और कहीं ना कहीं ये सच
भी है कि आज का दर्शक सचमुच गन्दगी पसन्द करने लगा है ।
अगर मैं और किसी का नहीं, अपने ही आठों ब्लोग्स का उदाहरण दूँ तो
पाता हूँ कि उत्तम रचनाएँ पड़ी रह जाती हैं और सस्ता माल पाठक का
पूरा ध्यान खींच लेता है ।
statcounter से अभी- अभी मैंने copy किया है यह लेखा-जोखा कि
नेट पर लोग क्या ढूंढते हैं .........आप स्वयं देख लीजिये.............लोग
मेरे ब्लॉग पर क्या देखना और पढ़ना चाहते हैं :
ये कोई अच्छा संकेत नहीं है , लेकिन रविजी, मैं आपको यकीं
दिलाता हूँ कि laughter ke phatke हो या कोई और प्रोग्राम,
मैं वहां ऐसा कोई काम नहीं करूँगा जिससे मर्यादा भंग होती हो
ख़ुशी की बात ये भी है कि मेरे पहले ही एपिसोड को ज़बरदस्त
प्रशंसा मिली है और उसे अब तक का सबसे अच्छा एपिसोड
माना जा रहा है । इसका कारण सिर्फ़ इतना है कि उसकी स्क्रिप्ट
मैंने ही लिखी थी और मैंने ही प्रस्तुति भी की ....
आने वाली 31 तारीख के लिए जो विशेष एपिसोड मैंने अभिजीत
सावंत के साथ किया है वह और भी उम्दा और रोचक होने के साथ-
साथ सार्थक और साहित्यिक प्रस्तुति साबित होगा, ऐसा मेरा
दृढ विश्वास है
आपने कुछ एपिसोड देखे, आपको मज़ा नहीं आया । अब ज़रा मेरे
कहने से इक झलक यह भी देख लीजिये कि मैंने कैसा काम किया है :
मेरा प्रयास है कि साफ़-सुथरा काम हो और इस पर अमल के लिए
मैंने लेखकों से आलेख भी मांगे और लोगों ने भेजे भी.........अभी तक
6 स्क्रिप्ट स्वीकृत भी कर चुका हूँ.........
शेष तो मेरे हाथ में भी कुछ नहीं है ।
हाँ प्रयास जारी रहेगा ,,,,,,,,,,,,,,भरोसा रखिये.........आपका पुनः
साधुवाद ।
-अलबेला खत्री
5 comments:
सही है ,अलबेला जी। कॉमेडी तो साफ़ सुथरी ही होनी चाहिए। आखिर टी वी पूरे परिवार के लिए बना है। ये कोई अडल्ट बॉक्स नहीं है।
एक जीवंत सच्चाई है चैनल वालों को भी अपना बिजनिस चलाना है वही पेश करेंगे जो जनता की मांग होगी !!! बहुत सुन्दर आंकड़े प्रस्तुत किये है आपने !!
रवि जी की बात से सहमत हुं, आज कल कमेडी क्या सभी जगह गाली गलोच ओर दुभाषिये शब्द बोले जाते है,अगर यही हाल रहा तो यह चेनल वाले कल को पोर्नो दिखाना भी शुरु कर देगे, इस लिये इन पर लगाम जरुरी है
ye director ke dimag ki vikruti hai adult comady. koi bhi sex vali film vivah, hum aapake hai kaun, DDLJ jaisi saaf suthari film jaisi nahi chalati. Mai apane family ke saath laughter ke phatake aur comady circus nahi dekh sakta. na jane kab gandi baat aa jaye.
comady programme mai hindu dharm ke devi devatao ka bhi upahash udaya jata hai. santo ko badanam kiya jata hai. svami ramadev aur asharamji bapu jaise karodo hinduo ke pujaniy santo par bhi comady ki jati hai. kabhi kabhi isai paadari ya muslim maulavi pe comedy kyun nahi ki jati ? Ye bhi hindu sanskruti ko badanam karne ki videshi company ki chal hai.
Alabelaji pls aap comady me se ye sab gandagi hatane ka prayatna kare. Hamare Gujarat mai DD Gujarati par barso purana hasya Programme Gammat Gulal aaj bhi bahot famous hai. gammat gulal mai 1% bhi ashlilata nahi hoti. phir bhi log pasand karte hai.
Manoranjan ke naam par videsh ki vikruti hamara deshvashiyo par thoki ja rahi hai.
बहुत बढ़िया लगा यह प्रोग्राम |
राजनेताओं पर हास्य के साथ करारा व्यंग्य वाला यह प्रोग्राम बहुत बढ़िया लगा |
पर आखिर में पीटने वाली स्क्रिप्ट क्यों लिख डाली :)
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