निश्चय करो कि आज के दिन की
कोई भी घटना
तुम्हें अप्रसन्न नहीं कर पाएगी ।
अपने काम को
इस अनुपम और पवित्र निर्णय से शुरू करो
कि उसके साथ
न मिलने पायेगी महत्वाकांक्षा,
न लाभ की आसक्ति,
न सुख की अभिलाषा ;
और
उसके फल की कोई चिन्ता तुम्हें स्पर्श नहीं करेगी,
न ही असफल होने पर कोई अधीरता या दुःख ।
- रस्किन
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hindi hasyakavi sammelan in mangalore by MRPL
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शानदार, शानदार, शानदार …………………
शानदार और जानदार रहा मंगलूर रिफ़ाइनरी एंड पेट्रोकेमिकल्स लिमिटेड द्वारा
राजभाषा विभाग के तत्वाधान में डॉ बी आर पाल द्वारा आ...
10 years ago
8 comments:
अत्यन्त प्रेरणास्पद विचार!
बस निश्चय करने की देरी और यही है ज्ररा मुश्किल। अति उत्तम!
बेहतरीन विचार. बहुत खूब!
"रस्किन" का कथन सत्य है!
अति उत्तम!
bahut khub
फिर से प्रशंसनीय रचना - बधाई
विचारों का उद्हरण सुन्दर ढंग से प्रस्तुत किया है।
जय हो बाबा रस्किन
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