प्यारे स्वजनों !
प्रकृति ने हमें जन्म दिया सहज और लयबद्ध जीवन जीने को, परन्तु
आज हमारा जीवन न तो सहज है और न ही लयबद्ध - क्योंकि
हमने व हमारे स्वार्थों ने चारों तरफ उथल-पुथल मचा कर स्वयं
प्रकृति को ही असहज, दुखी व कुपित करके अपने आप पर, अपने
अस्तित्व पर संकट की कुल्हाड़ी मार ली है । न केवल मार ली है,
बल्कि इतनी ज़ोर से मार ली है कि टांका लगाने वाला चिकित्सक
भी हमारे घाव देख कर अपना माथा फोड़ ले।
वृक्ष, जो कि रात-दिन हमारे ही जीवन को ऊर्जा देते हैं, हमने
उनका सफ़ाया कर दिया और जगह जगह कांक्रीट के महाकाय
जंगल खड़े करके पूरी दुनिया में गर्मी और ताप को बढ़ावा दिया
है । हमारी सुरक्षा के लिए रचा गया परा आवरण जिसे हम
पर्यावरण कहते हैं, आज तहस-नहस होने के कगार पर है जिसे
यदि समय रहते न बचाया गया तो इस समूची सृष्टि को नष्ट
होने से कोई नहीं बचा सकता ।
एक ही रास्ता है हमारे पास और उस रास्ते पर चलने का यही
सबसे सही समय है । आइये, वृक्ष उगायें............हाँ हाँ वृक्ष उगायें,
ज़्यादा से ज़्यादा उगायें और पीली पड़ती जा रही हमारी जीवन
प्रणाली में पुनः हरियाली लायें । आज स्थिति ये है कि घर में
दम घुटता है, सड़क पर दम घुटता है, यहाँ तक कि खुले मैदानों
तक में दम घुटता है, क्योंकि कार्बन डाई ऑक्साइड व उसी
गौत्र की अन्य ज़हरीली गैसें पैदा करने वाली अनेक मशीनें तो
हमने ईज़ाद कर लीं, लेकिन प्राण वायु यानी ओक्सीजन पैदा
करने वाले दरख़्त लगाना भूल गये । परिणाम ये है कि लाखों
लोग प्रतिवर्ष दमा अथवा अस्थमा से मरते हैं । इन्सान तो
इन्सान, निरीह पशु व पक्षी भी इसका शिकार हो कर लगातार
मर रहे हैं ।
आज हमें चिड़िया, गौरैया, कोयल, तोते, मैना, नीलकंठ, तित्तर,
यहाँ तक कि कौए, चील और गिद्ध तक के दर्शन दुर्लभ हो गये हैं ।
क्योंकि गाड़ियों , मिलों, कारखानों, कांक्रीट व कांच की
बिल्डिंगों, फ्रिजों, एयर- कंडीशनरों इत्यादि से निकलने वाले
धुंए व ताप ने उन्हें लील डाला है । आइये, हम सब मिल कर
अपने बचाव का मार्ग प्रशस्त करें यानी वृक्षारोपण करें, न केवल
रोपण करें बल्कि उन्हें पुष्पित-पल्लवित करके माँ प्रकृति के
आँसू पोंछें ।
जितने ज़्यादा वृक्ष होंगे, उतनी ज़्यादा हरियाली होगी, जितनी
ज़्यादा हरियाली होगी, उतना ही संकट कम होगा - बीमारियों
का, अकाल का, बाढ़ का, सूखे का और भूकम्प का । एक
मुहिम चला कर, अधिकाधिक पेड़ उगाने के इस अभियान में
आप सबका स्वागत है ।
आइये, हम मिल जुल कर प्रयास करें ।
जय हिन्द !
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hindi hasyakavi sammelan in mangalore by MRPL
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शानदार, शानदार, शानदार …………………
शानदार और जानदार रहा मंगलूर रिफ़ाइनरी एंड पेट्रोकेमिकल्स लिमिटेड द्वारा
राजभाषा विभाग के तत्वाधान में डॉ बी आर पाल द्वारा आ...
10 years ago
1 comments:
HAPPY FATHER ' s DAY.
बहुत बढ़िया आलेख , बड़े भाई !
जय हिंद !
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