मेरी देश-भक्ति
अनन्त शान्ति तथा मुक्ति की ओर
मेरी यात्रा का एक पड़ाव मात्र है ।
मेरे लिए धर्म से रहित राजनीति की कोई सत्ता नहीं है ।
राजनीति धर्म की सेविका है ।
लोग कहते हैं कि मैं धर्मपरायण मनुष्य हूँ ।
मगर राजनीति में फंस पड़ा हूँ ।
सच बात ये है कि राजनीति ही मेरा क्षेत्र है
और मैं उसी में रह कर
धर्मपरायण होने का प्रयास कर रहा हूँ ।
- महात्मा गांधी
hindi hasyakavi sammelan in mangalore by MRPL
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शानदार, शानदार, शानदार …………………
शानदार और जानदार रहा मंगलूर रिफ़ाइनरी एंड पेट्रोकेमिकल्स लिमिटेड द्वारा
राजभाषा विभाग के तत्वाधान में डॉ बी आर पाल द्वारा आ...
10 years ago
4 comments:
बहुत बढ़िया,आपका बहुत बहुत आभार !
आभार।
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इंसानों से बेहतर चिम्पांजी?
क्या आप इन्हें पहचानते हैं?
सुन्दर विचार!
राजनीति का साधारण सा अर्थ है किसी पर भी राज करने की नीति जब कि धर्म का इससे कोई वास्ता नहीं। धर्म कभी भी किसी पर भी अच्छाई से या बुराई से, किसी भी रूप में राज करने की आकांक्षा है ही नहीं... कोई गोबर से गुड़ का मजा लेना चाहे .... ऐसा होता है क्या ??
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