जो अपने शरीर को लज़ीज़ दावतें देता है
और अपनी आत्मा को
आध्यात्मिक आहार के बिना भूखो मारता है,
वह उस शख्स के मानिंद है
जो अपने गुलामों को दावतें देता है
और अपनी घर वाली को भूखो मारता है
जय हिंगलाज !
शुभ प्रभात !
-अलबेला खत्री
www.albelakhatri.com
hindi hasyakavi sammelan in mangalore by MRPL
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शानदार, शानदार, शानदार …………………
शानदार और जानदार रहा मंगलूर रिफ़ाइनरी एंड पेट्रोकेमिकल्स लिमिटेड द्वारा
राजभाषा विभाग के तत्वाधान में डॉ बी आर पाल द्वारा आ...
10 years ago
4 comments:
क्या बात है? ज़बरदस्त!
सटीक विचार ..
बहुत ही उम्दा विचार ,सराहनीय प्रस्तुती ....
बहुत खूब ...............कल की पोस्ट पर भी मेरा यही कमेन्ट था आज भी यही ही है |
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