अपूर्णता ही है
जो अपूर्ण चीज की शिकायत करती है ।
हम जितने ज़्यादा पूर्ण होते हैं,
उतने ही ज़्यादा हम
दूसरों के दोषों के प्रति
मृदु और शान्त हो जाते हैं
- फैंकलिन
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शानदार, शानदार, शानदार …………………
शानदार और जानदार रहा मंगलूर रिफ़ाइनरी एंड पेट्रोकेमिकल्स लिमिटेड द्वारा
राजभाषा विभाग के तत्वाधान में डॉ बी आर पाल द्वारा आ...
10 years ago
8 comments:
आज का विचार बहुत अच्छा लगा...जीवन में बहुत प्रेरणादायक...
आपका यहाँ स्वागत है ..
http://geet7553.blogspot.com/2010/06/blog-post_10.html
धन्यवाद!
thankx sir !
kintu surat kaa moosam Badaa hi garm (hoT) hai.... kaise saant (मृदु और शान्त)hua jaye ?
@ मुम्बई टाइगर !
सूरत का मौसम तो गर्म ही रहेगा प्रभु !
क्योंकि एक तो यहाँ सूर्य पुत्री तापी का निवास है
दूसरे यहाँ अलबेला खत्री का भी आवास है .................हा हा हा हा
फिर भी कभी सूरत आना हो आपका तो कृपया फोन कीजियेगा हमें , हम आपको कुछ शीतल पिलायेंगे
बहुत बढ़िया. बहुत खूब!
महत्वपूर्ण पोस्ट, साधुवाद
वाह बहुत सुन्दर लिखा है।
बहुत बढ़िया विचार ! लगे रहिये बड़े भाई !
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