जब तुम बाहरी चीजों को देखोगे और उन्हें पाना व रखना चाहोगे,
वे तुम्हारी पकड़ में नहीं आएँगी,
दूर भागेंगी
मगर जिस वक्त तुम उनसे मुँह फेर लोगे
और ज्योतिस्वरूप अपनी अन्तरात्मा के रूबरू होंगे,
उसी क्षण अनुकूल दिशाएँ तुम्हें तलाश करने लगेंगी -
यही नियम है ।
- स्वामी रामतीर्थ
hindi hasyakavi sammelan in mangalore by MRPL
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शानदार, शानदार, शानदार …………………
शानदार और जानदार रहा मंगलूर रिफ़ाइनरी एंड पेट्रोकेमिकल्स लिमिटेड द्वारा
राजभाषा विभाग के तत्वाधान में डॉ बी आर पाल द्वारा आ...
10 years ago
7 comments:
सदविचारों का आभार.
अति सुन्दर विचार!
सुन्दर विचार!
स्वामी जी को नमन!
बिलकुल ठीक और परखे हुए विचार हैं !शुभकामनायें !
अच्छी पोस्ट
आपके ब्लाग की चर्चा ब्लाग4वार्ता पर
अनुकरणीय!स्वामी जी को नमन।
अनुकरणीय विचार
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