चार अक्षर का एक शब्द
जिसके चारों ओर चलती है चाण्डाल चौकड़ी
और बीच में पलती है
वकालत !
उस शब्द को कहते हैं
अदालत !
अदालत !!
अदालत !!!
अ का आमन्त्रण है - आओ !
दा की दादागीरी है - दो !
ल की ललकार है - लड़ो !
और
त का तल्ख़ तजुर्बा - तबाह हो जाओ !
आओ
दो
लड़ो
और तबाह हो जाओ
भ्रष्टाचारी राजनीति का
यही मूलमन्त्र है
ये लोकतन्त्र है !
ये लोकतन्त्र है !!
ये लोकतन्त्र है !!!
स्थिति बहुत ही खट्टी है मेरे भाई !
क्योंकि कानून का देवता अन्धा
और
देवी की आँखों पे पट्टी है मेरे भाई !
जब देश पर
आक्रमण करने वाला आतंकवादी बिरयानी चरता है
और उनसे
जूझने वाला बहाद्दुर कमाण्डो गोलियां खा कर मरता है
तब अपराधी अपराध करते हुए नहीं डरता ,
बल्कि सिपाही उन्हें ज़िन्दा पकड़ते हुए डरता है
क्योंकि वो जानता है
अपराधी को दण्ड दिलाने का उसका हर सपना टूट जाएगा
ये दरिन्दा, इकबालिया बयान देने के बावजूद
चश्मदीद गवाहों के अभाव में परिन्दे की तरह छूट जाएगा
इतना होने पर भी हमारी नपुंसक व्यवस्था
शर्मिन्दा तो दूर,
रूआंसी तक नहीं होती
अरे जिन्हें फांसी होजाना चाहिए,
उन्हें खांसी तक नहीं होती
बरसो-बरस से यही हालत है
ये अदालत है ! अदालत है !! अदालत है !!!
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hindi hasyakavi sammelan in mangalore by MRPL
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शानदार, शानदार, शानदार …………………
शानदार और जानदार रहा मंगलूर रिफ़ाइनरी एंड पेट्रोकेमिकल्स लिमिटेड द्वारा
राजभाषा विभाग के तत्वाधान में डॉ बी आर पाल द्वारा आ...
10 years ago
5 comments:
badhiya vyang !
lokatantr- jindabad , duniya ka sabase bada lokatantr -jindabad -jindabad
ham gautam buddh,mahatma gandhi ke desh ke mahan nagarik hai. ram , krishn , prashuram ke desh ke nahi hai kya ?
arganikbhagyoday.blogspot.com
कटु सत्य को उजागर करती सटीक कविता....
बहुत सटीक व्यंग ...
AAPKEE LEKHNEE ISEE TARAH VYAGYA KE BAAN CHALATEE
RAHEE.KITNAA KATU SATYA HAI AAPKEE RACHNAAON MEIN
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