जिस्म भले ही ज़िन्दा हो, ज़मीर तो मरा हुआ है
हड़ताल इसलिए करते हो, क्योंकि पेट भरा हुआ है
तुम्हें क्या फ़िक्र किसी के जीने और मरने की
है पूरी छूट तुमको मनचाहा हुड़दंग करने की
लोकराज के मेले में स्वर कौन सुने संताप का
चिट व पुट दोनों तुम्हरी और अंट तुम्हारे बाप का
करो करो करो
निसंकोच करो
बे-धड़क करो
खुलकर करो
किये जाओ तुम नित नया टंटा !
पब्लिक क्या उखाड़ लेगी घंटा ?
आज जोधपुर में मरे हैं कल और कहीं मरेंगे
पर हम चाह कर भी कोई विरोध नहीं करेंगे
विरोध करें भी कैसे, लोग सोग में व्यस्त हैं
दुर्ग हैं खण्डहर हमारे, हौसले भी ध्वस्त हैं
क्यों करे चिन्ता कोई,
गरचे पड़ौसी त्रस्त हैं
अपने घर में हम तो अपनी
मस्तियों में मस्त हैं
hindi hasyakavi sammelan in mangalore by MRPL
-
शानदार, शानदार, शानदार …………………
शानदार और जानदार रहा मंगलूर रिफ़ाइनरी एंड पेट्रोकेमिकल्स लिमिटेड द्वारा
राजभाषा विभाग के तत्वाधान में डॉ बी आर पाल द्वारा आ...
10 years ago
6 comments:
भरा पेट तो क्या भरा,वो जब खावैं जूता लात
फुसलावैं जो गोट अड़ी आवौ कल्लो हमसे बात
समय पड़े भगवान कहें जौं गदहा कहलाते बाप
इज़्ज़त से जो गधा राखते तौं क्यों होता सँताप
फूट पड़े आक्रोश देखि जब कोऊ सुने न बात
मानवता की दे दुहाई अब अईसे तू पछतात
ऍप्रूवल ना चाहते लाओ फेरो टिप्पणी तात
माँगने को जब माँगते अब हो गिनते दाँत
अब हो गिनते दाँत दान की बछिया जईसे
मस्का चाहते आप कहो यह टिप्पणी कईसे
खुदगर्जी के ग्रस्त है, अपने में ही मस्त है,
आती बस मौका परस्ती, इसी के अभ्यस्त है.
अभी तक तो कभी नहीं पड़े थे इन लफड़ों में 'मजाल'
आई जो बात खुद पर , क्यों अचानक ताप बढ़ा आपका!
जय हो महाराज.........सटीक चोट !!!
जोधपुर मे डाक्टरों की हड्ताल के चलते 14 बच्चों की मौत वाकई बडी शर्मनाक घटना है आज इंसान इतना खुदगर्ज हो गया है कि अपनी जरुरतों को आगे कर मौत को भी पीछे छोड़ दिया है ! मै इन हडताली डाक्टरों से पूछता हू कि आपकी मांग तो सरकार आज नही तो कल मान ही लेती लेकिन इस हडताल की वजह से किसी के घर का चिराग जो बूझ गया , क्या वो कभी वापस आ पायेगा....?
Post a Comment