धन एक सापेक्ष वस्तु है ;
क्योंकि जिसके पास कम है,
परन्तु और भी कम चाहता है,
वह उससे अधिक धनवान है
जिसके पास ज़्यादा है,
मगर और भी ज़्यादा चाहता है
-कोल्टन
hindi hasyakavi sammelan in mangalore by MRPL
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शानदार, शानदार, शानदार …………………
शानदार और जानदार रहा मंगलूर रिफ़ाइनरी एंड पेट्रोकेमिकल्स लिमिटेड द्वारा
राजभाषा विभाग के तत्वाधान में डॉ बी आर पाल द्वारा आ...
10 years ago
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