धन एक  सापेक्ष  वस्तु है ; 
क्योंकि जिसके पास कम है,
परन्तु और  भी कम चाहता है,
वह उससे अधिक धनवान है 
जिसके  पास ज़्यादा  है,
मगर  और भी ज़्यादा चाहता है 
-कोल्टन
hindi hasyakavi sammelan in mangalore by MRPL
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शानदार, शानदार, शानदार …………………
शानदार और जानदार रहा मंगलूर रिफ़ाइनरी एंड पेट्रोकेमिकल्स लिमिटेड द्वारा 
राजभाषा विभाग के तत्वाधान में डॉ बी आर पाल द्वारा आ...
11 years ago


 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 





 
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