बस से बच गये तो ट्रेन ने मारा
पुलिया से छूटे तो क्रेन ने मारा
नेता के बे-ईमानी भरे ब्रेन ने मारा
उससे बचे तो हाय हेवी रेन ने मारा
हाल-ए-हिन्दोस्तान अब खस्ता है बाबा !
है पानी मंहगा पर लोहू सस्ता है बाबा !
आग है चारों तरफ़ फैली हुई
ज़िन्दगी की आस मटमैली हुई
हर तरफ़ छाया हुआ कोहराम है
खूंआलूदा सुबह है और खूंआलूदा शाम है
शर्म है
अफ़सोस है
है दुःख बहुत पर
बस में मेरे कुछ नहीं है
बस में मेरे कुछ नहीं है
बस में मेरे कुछ नहीं है
____________जाएँ तो जाएँ कहाँ ?
____________चैन अब पायें कहाँ ?
hindi hasyakavi sammelan in mangalore by MRPL
-
शानदार, शानदार, शानदार …………………
शानदार और जानदार रहा मंगलूर रिफ़ाइनरी एंड पेट्रोकेमिकल्स लिमिटेड द्वारा
राजभाषा विभाग के तत्वाधान में डॉ बी आर पाल द्वारा आ...
10 years ago
12 comments:
बात तो आपने सही कही है, जिंदगी बीमारी ही है, मगर मौत भी तो कोई इलाज़ नहीं, इसलिए जब तक है, तब तक है, गाडी चलने दीजिये जहां तक चली जाए ...
"नेता के बे-ईमानी भरे ब्रेन ने मारा
उससे बचे तो हाय हेवी रेन ने मारा"
इन सब से बचकर आगे चले तो,
कॉमनवेल्थ कि ब्लू लेन ने मारा ...
अच्छी पंक्तिया लिखी है ...
इसे भी पढ़े और कुछ कहे :-
http://thodamuskurakardekho.blogspot.com/2010/09/86.html
बस से बच गये तो ट्रेन ने मारा
पुलिया से छूटे तो क्रेन ने मारा
वाह क्या सटीक बात है ...बढ़िया प्रस्तुति...
बस में मेरे कुछ नहीं है
____________जाएँ तो जाएँ कहाँ ?
____________चैन अब पायें कहाँ ?
--
हाँ जी!
ठीक ही कह रहे हो!
--
सब बढ़ती उमर का कमाल है!
सामयिक और कड़वा सच
वर्तमान की हकीकत ब्याँ करती रचना......
बढिया!!
चैन नहीं है कहीं भाई ....
वैसे ये है किस चिड़िया का नाम ? कुछ अजीब सा नहीं लगता ??
हाल-ए-हिन्दोस्तान अब खस्ता है बाबा !
है पानी मंहगा पर लोहू सस्ता है बाबा !
कहीं चैन नही है। बहुत खूब रचना अच्छी लगी। बधाई।
बस से बच गये तो ट्रेन ने मारा
पुलिया से छूटे तो क्रेन ने मारा
नेता के बे-ईमानी भरे ब्रेन ने मारा
उससे बचे तो हाय हेवी रेन ने मारा..
बिल्कुल सही बात का ज़िक्र किया है आपने! अब क्या किया जाए! इसी तरह जीना होगा और जब तक जियेंगे हँसी ख़ुशी और बिंदास रहेंगे फिर चाहे मौत क्यूँ न आ जाए उसका सामना करेंगे!
अजी चैन कहां। बस थोड़ा इंतज़ार और। फिर और बेचैनी बढ़ेगी जब आप देखेंगे कि राष्ट्रमंडल को किस-किस ने मारा।
हाल ए हिन्दोस्तान वाकई खस्ता है । आप की रचना सुंदर पर दर्द देने वाली है ।
हाल-ए-हिन्दोस्तान अब खस्ता है बाबा !
सुंदर सचाई बयां करती रचना ।
Post a Comment