अभी थोड़ी देर पहले मैं खुशदीप सहगलजी का ब्लॉग पढ़ रहा था । तो
मुझे एक बार ऐसा लगा कि अपने को सरदारों पर चुटकुला नहीं सुनाना
चाहिए...लेकिन फिर ख्याल आया कि सरदारों पर न सुनाएँ तो किस
पर सुनाएँ भाई ? कौन है इतना बड़े दिल वाला, मासूम और भोला कि
मज़ाक मज़ाक में सब सह ले, इनके अलावा और किसकी माँ ने सवा
सेर अजवाइन खाया है जो अपने मज़ाक पर भी ठहाका लगा सके।
मुझे मुम्बई की घटना याद आगई ।
कोई बीस साल पहले सायन कोलीवाड़ा के खालसा कॉलेज में बैसाखी
की रात आयोजित कवि-सम्मेलन में जब मैं पहली पहली बार गया था
तो वहां का दृश्य देख कर सहम गया । क्योंकि सुनने वाले सभी सरदार
थे और कृपाणें ले ले कर बैठे थे । वे लोग ताली वाली नहीं बजा रहे थे
बल्कि जब भी कोई कविता अच्छी लगती तो किरपाण हवा में लहराते
और "जो बोले ...सो निहाल..सत श्री अकाल " का स्वर गुंजाते . मैंने
सोचा - बेटा अलबेला, आज अगर एक भी जोक सरदारों पर सुना दिया
तो वापिस घर नहीं पहुंचेगा, तेरा "घल्ले आये नानका" भी यहीं होगा
और अन्तिम अरदास भी यहीं पढ़ी जायेगी ।
तो मैंने गियर बदला । मैंने कहा - जी एक मद्रासी था .................तो
सामने की पंक्ति में से दो सरदार एक साथ खड़े होकर चिल्लाये - क्यों
ओये ? मद्रासी क्यों था ? मैंने कहा जी मद्रासी इसलिए था क्योंकि
उस पर जोक सुनाना है तो वो फिर बोले - क्यों भाई हमारे प्रोग्राम
में आकर, हम से पेमेंट ले कर, हमारी चाय पी कर मद्रासियों के
मज़ाक क्यों उड़ाता है ? हम मर गये ?
सरदार का मतलब होता है मुखिया....जब हम हमारे मुखिया का
मज़ाक उड़ाते हैं तो वो न केवल उसे सहन कर लेता है बल्कि उनमें
शामिल भी हो जाता है । क्योंकि वो बड़ा है, उस में बड़प्पन है ।
वैसे अगर कोई ये कहे कि सरदारों में अक्ल कम होती है तो ये उसकी
भूल है । अरे भाई मैंने तो दो सरदारों को आपस में शतरंज खेलते
हुए भी देखा है .....सरदारों जितना होशियार तो कोई भी नहीं होता
इसीलिए पंजाब में एक शहर का नाम है होशियारपुर । पूरी दुनिया में
और कहीं होशियारपुर या इसका पर्यायवाची शहर देखा ?
मेरा बचपन सरदारों के मोहल्ले में गुज़रा है । मैं जानता हूँ सरदार कैसे
होते हैं । सरदार को समझना है तो उसके साथ रह कर देखो मित्रो !
उनके घर का पवित्र वातावरण देखो, उनका भाई-बहिन का प्यार देखो,
उनकी ममता देखो और उनकी शहंशाही बेपरवाही या फक्कड़ता देखो
तो ज़िन्दगी में कभी भी किसी भी सरदार का मज़ाक नहीं उड़ा सकोगे
...........वैसे कहना मत किसी से....रंगलाल का बेटा नंगलाल भी किसी
सरदार से कम नहीं हैं , एक दिन प्रिंस वाले अन्दाज़ में कूए में गिर
पड़ा, रंगलाल ने पूछा - अबे छित्तरखाणे, इत्ते गहरे कुए में पड़ा क्या
कर रहा है ? जवाब मिला - डीप थिंकिंग ! हा हा हा हा हा हा हा हा
hindi hasyakavi sammelan in mangalore by MRPL
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शानदार, शानदार, शानदार …………………
शानदार और जानदार रहा मंगलूर रिफ़ाइनरी एंड पेट्रोकेमिकल्स लिमिटेड द्वारा
राजभाषा विभाग के तत्वाधान में डॉ बी आर पाल द्वारा आ...
10 years ago
10 comments:
खत्री जी इसे पढ़े जरुर .....
अमर जीत तुम कितने दिन में पता करोगे जवाब.....
http://chorikablog.blogspot.com/2010/10/blog-post_10.html
और इसकी मूल पोस्ट यहाँ पर पढ़े ....
http://thodamuskurakardekho.blogspot.com/2010/10/blog-post_08.html
वाह वाह वाह वाह
हम तो बचपन से सरदारों के बीच रह रहे हैं तभी तो आज तक ज़िन्दादिली बरकरार है। सरदार दोस्तों के दोस्त और दुश्मनो के दुश्मन होते हैं। बीच का रस्ता इन्हें पता नही बस या इधर या उधर-- साफ दिल। धन्यवाद।
अलबेला भाई आपकी बात दुरूस्त है मगर यहां मामला सरदारों या बिहारियों पर चुटकुले सुनाने का नहीं थी ..वास्तव में प्रस्तुति कुछ इस तरह से दी जा रही थी जैसे जानबूझ कर मजाक उडाया जा रहा हो बात तब और बिगड गई जब ,...उन्हें इस बात के लिए टोका गया और आग्रह किया गया और वे थोडा सा हठ कर बैठे हालांकि , जिन्होंने आपत्ति की थी उनका लहजा भी निहायत ही घटिया था । खैर अब तो सब ठीक ही है ...अलबेला भाई आप तो खुद हास्य सम्राट हैं और ये बात भलीभांति जानते ही हैं कि हास्य तभी तक उचित है जब तक वो किसी का दिल न दुखा दे ...यदि कुछ ज्यादा कह दिया हो अनुज तो हूं ही डांट मार दीजीएगा ..।
होशियारपुर का हूं जी मै, ओर पंजाबी भी हूं ओर आप से सहमत भी हुं, धन्यवाद
...वैसे सरदार हंमेशा खुश-मिजाज ही नजर आते है...शायद इसलिए.....कि वे सरदार होते है!...बहुत वढिया संस्मरण अलबेला जी,धन्यवाद!
सरदारों के साथ रहते तो आधे से अधिक जीवन बीत गया....इसलिए जानते हैं कि सरदार वाकई बहुत जिन्दादिल कौम है...
कल से बाहर था इसलिए इस पोस्ट को नही देख सका!
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पढ़कर दिल बाग-बाग हो गया!
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इस सार्थक प्रयास के लि्ए साधुवाद!
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नवरात्रों की हार्दिक शुभकामनाएँ!
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जय माता जी की!
मेरे पूर्वजों की शान में क़सीदे पढ़ कर अच्छा लगा. धन्यवाद.
सच्ची कहते हो भैये
जय हिन्द, जय बुन्देलखण्ड
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