शरद पूर्णिमा और वाल्मीकि जयन्ती की पूर्व संध्या पर गुजरात
रिफाइनरी बड़ौदा द्वारा आयोजित तथा डॉ माणिक मृगेश द्वारा
संयोजित-संचालित काव्य-समारोह में शामिल होकर कल रात
बहुत आनन्द आया, आनन्द क्या आया - ऊर्जा मिली .......प्रेरणा
मिली और कविताई को बल मिला ।
निर्धारित समय, यानी रात ठीक साढ़े आठ बजे डॉ माणिक मृगेश के
चुटीले संचालन में काव्य - समारोह आरम्भ हुआ । सबसे पहले
डॉ सीता सागर ने महाकवि निराला की सरस्वती वन्दना का गायन
किया, तत्पश्चात गीतकार वीनू महेन्द्र ने मुक्तक,छन्द और गीतों से
समां बाँधते हुए कवि-सम्मेलन का विधिवत श्रीगणेश किया । उनके
गीत "और है दिल्ली कितनी दूर व " रिस्क कौन ले " पर दर्शक-श्रोता
झूम उठे । दूसरे क्रम पर मृगेशजी ने बुलाया राजेंद्र मालवी आलसी को
जिन्होंने भरपूर हँसाने के बाद जब अपनी विशेष कविता "वाल्मीकि
जयन्ती" सुनाई तो वातावरण साहित्य-आलोक से जगमगा उठा ।
अब स्वयं की प्रशंसा करना अच्छा तो नहीं लगता, लेकिन सच बोलना
कोई पाप नहीं है, इसलिए बता रहा हूँ कि मैं अर्थात अलबेला खत्री भी
ख़ूब जमा । मैंने हास्य व्यंग्य की पैरोडियाँ सुना कर पहले तो जनता
को जम कर हँसाया, फिर अपनी दो गम्भीर कवितायें प्रस्तुत करके
श्रोताओं की वाहवाही और आशीषें प्राप्त कीं । मेरे बाद गीतों के
शहंशाह डॉ विष्णु सक्सेना ने अपनी मधुर आवाज़ में मुक्तकों की
ऐसी झड़ी लगाईं कि समूचा माहौल दिव्य हो गया । तत्पश्चात उन्होंने
"रेत पर नाम लिखने से क्या फ़ायदा, एक आई लहर,कुछ बचेगा नहीं"
जैसे कई गीत सुना कर लोगों का मन मोह लिया ।
सुरेन्द्र यादवेन्द्र और मनोहर मनोज ने विशुद्ध हास्य - व्यंग्य में
गम्भीर काव्य-पाठ करके अपनी सफलतम उपस्थिति दर्ज़ की तो
डॉ सीता सागर ने भी अपने मुक्तकों और गीतों की प्रस्तुति से मंच
को गरिमामय ऊँचाई दी । अब आये वरिष्ठ व्यंग्यकार सुरेश
उपाध्याय जिनकी "बाजूबंद खुल-खुल जाये" जैसी अमर कविताओं
के साथ साथ और भी अनेक कविताओं को श्रोताओं की भरपूर दाद
मिली लेकिन अन्त में वयोवृद्ध फ़िल्म गीतकार पं विश्वेश्वर शर्मा ने
तो अपनी पैरोडियों से ऐसा हंगामा बरपा किया कि लोगबाग
लोटपोट हो गये ।
लगभग चार घंटे तक चले इस कार्यक्रम की सबसे बड़ी सफलता
ये थी कि वह कवि-सम्मेलन होकर नहीं रह गया बल्कि
कविता सम्मेलन के रूप में स्थापित हुआ ।
बधाई इण्डियन आयल !
बधाई गुजरात रिफाइनरी !
बधाई माणिक मृगेश !
और हाँ ...............बहुत बहुत बधाई बड़ौदा के रसिक श्रोताओ !
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___________बहुत जल्द मैं इसका वीडियो भी लगाऊंगा उसे
देखना न भूलें.........परन्तु पहले आप मुझे अपनी प्यारी प्यारी
टिप्पणियों से ये बताइये कि प्रोग्राम की रपट कैसी रही ?
ठीक है न ठीक ?
अरे भाई लोगो !
यदि आपने अभी तक अपनी ग़ज़लें नहीं भेजी हैं
तो तुरन्त भेजो
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इस लिंक को देखिये -
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hindi hasyakavi sammelan in mangalore by MRPL
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शानदार, शानदार, शानदार …………………
शानदार और जानदार रहा मंगलूर रिफ़ाइनरी एंड पेट्रोकेमिकल्स लिमिटेड द्वारा
राजभाषा विभाग के तत्वाधान में डॉ बी आर पाल द्वारा आ...
10 years ago
5 comments:
बहुत बढिया प्रस्तुति!....कवि संमेलन में आपने भॉ धुम मचाई...बहुत बहुत बधाई!
बहुत सुंदर जी लेकिन हमे तो कविता समझ भी नही आती, धन्यवाद
बढ़िया रपट
बहुत बढ़िया रपट, वीडियो का इंतजार है.. और अगर कहीं पर कविताओं की लिंक मिल जाये तो मजा ही आ जाये। कवि सम्मेलन में हम इच्छा होते हुए भी जा नहीं पाते हैं। क्या कहीं पर कवि सम्मेलन की ऑडियो उपलब्ध करवाई जा सकती है, क्योंकि मेरे जैसे बहुत से ऐसे लोग हैं जो कवि सम्मेलन में नहीं जा पाते हैं, अगर इस प्रकार की कोई सुविधा आप उपलब्ध करवा पायें तो मजा ही आ जायेगा।
बहुत बढ़िया रपट लगाई है काव्य तरंग की!
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