प्रति,
सम्मान्य सूचना एवं प्रसारण मन्त्री,
भारत सरकार,
नयी दिल्ली
प्रसंग : हिन्दी चिट्ठों ( ब्लॉग ) के लिए विज्ञापनीय सहयोग तथा
चिट्ठाकारों के लिए अन्य सुविधाएँ प्राप्त करने के क्रम में ।
सन्दर्भ : अन्तरजाल पर हिन्दी चिट्ठाकारों ( ब्लोगर्स ) द्वारा सतत
किया जा रहा राजभाषा हिन्दी का विश्वव्यापी प्रचार-प्रसार ।
आदरणीय महोदय,
जय हिन्द !
उपरोक्त सन्दर्भ में सादर निवेदन है कि आज हिन्दी चिट्ठाकारी
( ब्लोगिंग ) अपने भरपूर यौवन पर है अर्थात तीव्रता से सक्रिय
एवं अत्यन्त लोकप्रिय है । दुनिया भर में लगभग 25 हज़ार हिन्दी
ब्लोगर्स लगातार इस पर काम कर रहे हैं तथा सामाजिक सरोकार
के अलावा, भारतीय संस्कृति, मानवीय एकात्मता, वैश्विक
उष्णता, पर्यावरण, खेल व स्वास्थ्य ही नहीं अपितु जीवन से जुड़े
हर पहलू पर अपने आलेखों के माध्यम से भारत व हिन्दी की
ध्वजा फहरा रहे हैं । इस विराट अभियान से हिन्दी बहुत
लोकप्रिय हो रही है और हिन्दी समाचार व साहित्य भी लोकप्रिय
हो रहा है ।
हम सब चिट्ठाकार चाहते हैं कि भारत सरकार का सूचना एवं
प्रसारण मंत्रालय जिस प्रकार इलेक्ट्रोनिक मीडिया व प्रिंट मीडिया
को विज्ञापन के रूप में आर्थिक सहयोग व अन्य सुविधाएं प्रदान
करता है उसी प्रकार DAVP व DPR के माध्यम से हमें भी
लाभान्वित कराने की व्यवस्था करें । इस हेतु रजिस्ट्रार ऑफ़
न्यूज़ पेपर्स ऑफ़ इण्डिया द्वारा title स्वीकरण तथा पंजीकरण के
अलावा ब्लोगर्स के लिए आचार संहिता भी लागू हो तो हमें कोई
आपत्ति नहीं है ।
मूल बात ये है कि अधिकतर हिन्दी चिट्ठे अहिन्दी भाषी प्रदेशों
और देशों में लिखे जा रहे हैं और लिखने वाले ज़्यादातर पत्रकार,
साहित्यकार, कवि, आलोचक, अभिनेता व राजनेता तथा
अवकाशप्राप्त प्रशासनिक अधिकारी,न्यायिक अधिकारी व आर्थिक
जगत के विशेषज्ञ इत्यादि हैं जिनकी समाज में भी एक साफ़-सुथरी
छवि है और जिनकी बात को पाठक अंगीकार भी करते हैं ।
महोदय,
भले ही हिन्दी चिट्ठाकारी हमारा व्यवसाय नहीं है परन्तु इसमें बहुत
सा कीमती समय खर्च करने के अलावा हमें संसाधनों पर भी
बहुत खर्च करना पड़ता है और कोई भी काम अपना घर फूंक कर
ज़्यादा दिन तक नहीं किया जा सकता । लिहाज़ा हमारे लिए एक
सुरक्षित कोष की स्थापना किये जाने की ज़रूरत है ।
चिट्ठाकारों के अलावा एक महत्वपूर्ण कड़ी है सतत सक्रिय
विभिन्न एग्रीगेटर जो हमारे चिट्ठों को फैलाव देते हैं । ब्लोगवाणी,
चिट्ठाजगत, नारद, रफ़्तार, इन्डली, साहित्य शिल्पी इत्यादि अनेक
ऐसे उपक्रमों को भी भरपूर मदद मिलनी चाहिए ताकि वे और
ज़्यादा गतिमान हो कर और अधिक नूतन तकनीक के ज़रिये
हिन्दी ब्लोगर्स को सहयोग कर सके ।
मेरे पास इस हेतु एक विस्तृत योजना व प्लान तैयार है । यदि
आप रुचि लेते हैं तो मैं पूरा विवरण आपको भेज सकता हूँ ।
मेरे ख्याल में आप इस महती कार्य में रुचि लेंगे और आपको लेनी
भी चाहिए, समय का यही तकाज़ा है ।
आपके कृपापूर्ण जवाब की प्रतीक्षा में,
सधन्यवाद,
- अलबेला खत्री
www.albelakhatri.com
1 बी , गौरांग अपार्टमेंट्स, नानावट मेन रोड, सूरत-395003
गुजरात - भारत
संलग्न : इस सन्दर्भ में साथी चिट्ठाकारों की सम्मतियाँ व टिप्पणियां
प्रति प्रेषित :
महामहिम राष्ट्रपति,
भारत गणतंत्र, नयी दिल्ली
महामहिम उप राष्ट्रपति
भारत गणतंत्र, नयी दिल्ली
माननीय प्रधान मन्त्री,
भारत गणतंत्र , नयी दिल्ली
माननीय गृह मन्त्री,
भारत सरकार, नयी दिल्ली
निदेशक,
सूचना एवं प्रसारण निदेशालय, नयी दिल्ली
आयुक्त,
सूचना एवं प्रसारण विभाग,
गांधीनगर, गुजरात
कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट,
सूरत, गुजरात
______________________________________
hindi hasyakavi sammelan in mangalore by MRPL
-
शानदार, शानदार, शानदार …………………
शानदार और जानदार रहा मंगलूर रिफ़ाइनरी एंड पेट्रोकेमिकल्स लिमिटेड द्वारा
राजभाषा विभाग के तत्वाधान में डॉ बी आर पाल द्वारा आ...
10 years ago
16 comments:
हमें तो आपके इस कार्य में पूरी रुचि है ,इश्वर इसे सफल करे
शुभकामनायें
महक
बहुत बढ़िया एवं ज़ोरदार प्रयास
यह हुआ न रचनात्मक काम!
--
सार्थक पहल करने के लिए आपका बहुत-बहुत आभार!
देखे क्या जबाब आता हे,बहुत सुंदर ओर अच्छा काम किया आप ने. धन्यवाद
बढिया प्रयास .. पर सरकार सुने तब न ??
सार्थक प्रयास...शुभकामनाएँ/.
बहुत बढ़िया एवं ज़ोरदार प्रयास
अच्छा प्रयास है, हो जाए तो बहुत अच्छा. सरकारी काम में वक़्त तो कयामत का लगता है, पीछे पड़ना पड़ता है, और पूरे सब्र के साथ, आप लगे रहिये .. शुभकामनाए ... ...
अलबेला जी ,
सर्व ब्लोगर्स हिताय लिखा पत्र एक सराहनीय कदम . इस क्रिया की प्रतिक्रिया जरूर होगी और हमारे हित में होगी . ऐसी मैं आशा करता हूँ . इस प्रयास के लिए आपका धन्यवाद.
सार्थक पहल के लिये साधुवाद
मेरी भी पूरी सहमति है. आवेदकों में मुझे भी शामिल माना जाए. वस्तुतः कई छद्म और 10-20 प्रतियों में सिर्फ विज्ञापन की खातिर अनियतकालीन छपने वाले डीएवीपी और डीवीआर एप्रूव्ड अखबारों से तो सैकड़ों ब्लॉग अच्छे हैं जो शानदार काम कर रहे हैं और बढ़िया आउटपुट दे रहे हैं.
आपका बहुत बहुत धन्यवाद रवि जी !
वस्तुतः करोड़ों रुपये के सजावटी विज्ञापन छोटे और मझौले अख़बारों को केवल इसलिए दिए जाते हैं क्योंकि वे देहात से प्रकाशित होते हैं, दूर दराज़ सर प्रकाशित होते हैं या फिर अहिन्दी भाषी क्षेत्रों से प्रकाशित होते हैं
ये सारे अंक तो हमें भी मिलने चाहिए जबकि उन समाचार पत्रों में से अधिकाँश की तो कुल प्रतियाँ ही 100 के आस पास छपती हैं जो कि या तो dpr में भेजने के काम आती है, प्राइवेट विज्ञापनदाताओं के काम आती हैं या फ़ाइल में सहेजने के काम आती हैं
हमारा ब्लॉग तो पाठक देता है और वैश्विक स्तर पर देता है ...बहुत सी बाते हैं मैं आपसे विस्तार में चर्चा करूँगा
फिलहाल आपकी सहमति और समर्थन के लिए लाख लाख शुक्रिया .........हम सब मिल कर क्या नहीं कर सकते ? ये परिणाम बतायेगा ....
विनम्र
- अलबेला खत्री
बहुत अच्छी पहल , कहते हैं जहाँ कोई रास्ता नहीं होता वहां भी कोई एक रास्ता जरुर होता है ...मैं पत्र पत्रिकाओं को रचनाएँ नहीं भेजती , सिर्फ ब्लॉग पर ही लिखती हूँ , पहचान मिले न मिले , हम अपना काम किये जाते हैं . आपका प्रयास सराहनीय है , शुभकामनाओं के साथ ...
सार्थक पहल करने के लिए आपका बहुत-बहुत आभार!
....आप को इच्छित सफलता मिले..यही इस नवरात्री के पावन अवसर पर हार्दिक अभिलाषा!
बहुत बढ़िया प्रसंशनीय पहल की है आपने ! लिखा हुआ पत्र व्यापक एवं हर तरह से परिपूर्ण है , मुझे विश्वास है इसको हर स्तर पर भली भांति जांचा जाएगा और विश्वास है कि इसका परिणाम अच्छा होगा ! नए आयाम कायम होने की आशा में आपको हार्दिक शुभकामनायें !
Post a Comment