कश्मीर मसले को लेकर अरुंधती रॉय ने अगर हिन्दुस्तान को
भूखा नंगा कहा है तो सच ही कहा है, इसमें ऐसा क्या गलत कह
दिया उसने कि सब लोग उसे हिकारत और लाहनत भेजने लगे ।
ये माना कि मैंने उसे आज तक कभी नग्नावस्था में नहीं देखा, आप
लोगों ने भी कभी उसे सड़क पर नंगी टहलते हुए और भूखो मरते हुए
नहीं देखा होगा परन्तु इस बात की क्या गारण्टी है कि उसने हमें
ऐसी अवस्था में नहीं देखा होगा....क्योंकि आजकल ऐसे चश्मे आने
लगे हैं जिन्हें आँखों पर लगालो तो सब दिखता है । हो सकता है
उसने ऐसा कोई चश्मा लगा रखा हो ...............
अरे हम तो जन्मजात नंगे हैं, हमारे यहाँ तो बच्चा पैदा ही नंगा होता
है...और आदमी तो आदमी हमारे यहाँ तो पेड़ पौधे, जीव जंतु, यहाँ तक
कि साधू-सन्त तक नंगे होते हैं । इसमें उसने झूठ क्या कहा है ?
झूठ तो तब होता जब वो हमें भूखा -नंगा के बजाय नंगा -भूखा
कहती...क्योंकि भूख के मारे कोई नंगा तो हो सकता है, ये कोई बड़ी
बात नहीं, लेकिन नंगा होने के बाद कोई भूखा रह जाये, इसकी
सम्भावना कतई नहीं है ।
नंगाई एक बहुत बड़ी नियामत है.........महात्मा गांधी जब तक सूटेड
बूटेड रहे, किसी ने उन्हें भाव नहीं दिया बल्कि उठा कर ट्रेन से बाहर
फेंक दिया लेकिन उसी बन्दे ने जब वस्त्र त्याग दिए...तो साधारण
आत्मा से महात्मा बन गये ।
अभी समय नहीं है, लेकिन मैं एक ऐसा आलेख लिखने की कोशिश
ज़रूर कर रहा हूँ जिससे ये सिद्ध हो जाएगा कि हिन्दुस्तान वाकई
भूखे-नंगे लोगों का देश है । तब तक मेरी अरुंधती रॉय से विनम्र
विनती है कि
कभी फ़ुर्सत निकाल कर सूरत आओ और मुझसे मुलाकात करो...........
एक रात भूखे -नंगे रह कर उस आलेख को पूरा करेंगे और इसी ब्लॉग
पर छापेंगे भले ही टिप्पणियां ज़्यादा न मिले , लेकिन पाठक बहुत
मिलेंगे । ये मेरा आज़माया हुआ नुस्खा है ।
जय हिन्द !
hindi hasyakavi sammelan in mangalore by MRPL
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शानदार, शानदार, शानदार …………………
शानदार और जानदार रहा मंगलूर रिफ़ाइनरी एंड पेट्रोकेमिकल्स लिमिटेड द्वारा
राजभाषा विभाग के तत्वाधान में डॉ बी आर पाल द्वारा आ...
10 years ago
6 comments:
जो विदेशियो के उतरे कपडे ओर झूठन खा कर अपने आप को उच्च समझे, अपने ही देशवासियो को ऎसा कहे उस का नाम भी नही सुनाना चाहता, पता नही आप लोग क्यो बार बार उसी के बारे लिख रहे हे.... लानत भेजे, क्योकि जो अपनी मां की नही हुयी वो किस की होगी?
@ राज भाटिया जी !
आप नितांत सत्य कह रहे हैं ..........मैं आपकी बात का पूर्ण समर्थन करता हूँ
raat ko to bhookha-nanga main bhi rahta hoon....vimarsh ke liye mera pata bhi de dena....
jai ho...
अलबेला-मौदगिल की मस्त जोडी है।
दोनों ही भूखे नंगे।
maza aa gaya
maza or aayega jab aap apna blog pura karenge
pratiksarat......
राज भाटिया जी सही कह रहे हैं। आभार।
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