धन्य-धन्य ये धरती जिस पर ऐसे वीर जवान हुए
मातृ-भूमि की ख़ातिर जो हॅंसते हॅंसते क़ुरबान हुए
जिनकी कोख के बलिदानों पर गर्व करे मॉं भारती
आओ हम सब करें आज उन माताओं की आरती
आओ गाएं हम..
वन्दे मातरम् ...
वन्दे मातरम् ...
वन्दे मातरम् ...
ऑंचल के कुलदीप को जिसने देश का सूरज बना दिया
अपने घर में किया अन्धेरा, मुल्क़ को रौशन बना दिया
जिनके लाल मरे सरहद पर क़ौम की आन बचाने में
जान पे खेल गए जो मॉं के दूध का कर्ज़ चुकाने में
है उन पर बलिहारी, देश की जनता सारी
देश की जनता सारी, है उन पर बलिहारी
जो माताएं इस माटी पर अपने बेटे वारतीं
आओ हम सब करें आज उन माताओं की आरती... आओ गाएं हम...
जिनके दम पर फहर रहा है आज तिरंगा शान से
जिनके दम पर लौट गया है दुश्मन हिन्दोस्तान से
जिनके दम पर गूंजी धरती विजय के गौरव-गान से
जिनके दम पर हमें देखता जग सारा सम्मान से
है उन पर बलिहारी, देश की जनता सारी
देश की जनता सारी, है उन पर बलिहारी
जिनकी सन्तानें दुश्मन को मौत के घाट उतारतीं
आओ हम सब करें आज उन माताओं की आरती ... आओ गाएं हम...
जिन मॉंओं ने दूध के संग-संग राष्ट्र का प्रेम पिलाया
जिन मॉंओं ने लोरी में भी दीपक राग सुनाया
जिन मॉंओं ने निज पुत्रों को सीमा पर भिजवाया
जिन मॉंओं ने अपने लाल को हिन्द का लाल बनाया
है उन पर बलिहारी, देश की जनता सारी
देश की जनता सारी, है उन पर बलिहारी
जिनकी ममता रण-भूमि में सिंहों सा हुंकारती
आओ हम सब करें आज उन माताओं की आरती ... आओ गाएं हम...
वन्दे मातरम् ...
वन्दे मातरम् ...
वन्दे मातरम् ...
1 comments:
wah wah wah kavita bahut hi sathak hai
sath me photo me bhi bahut mast lag rehe hai ..apne blog ko bhut accha sajaya hai aapne
http://blondmedia.blogspot.in/
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