Albelakhatri.com

Hindi Hasya kavi Albela Khatri's blog

ताज़ा टिप्पणियां

Albela Khatri

कोई किसी मुगालते में न रहे....मेरी लोमड़ी से किसी और का कोई सरोकार नहीं है



जल्दबाज़ी यों तो किसी भी  काम में अच्छी  नहीं होती, लेकिन लेखन के


मामले  में यह बहुत ज़्यादा खतरनाक हो जाती है. लोग अर्थ का अनर्थ 


निकालते समय नहीं  लगाते. ऐसा ज्ञान मुझे आज  सुबह सुबह  तब प्राप्त


हुआ जब मैंने  कंप्यूटर  ऑन किया .  देखा तो  "लोमड़ी" वाली पोस्ट के


लिए  बहुत सारी ऐसी टिप्पणियां  मिलीं  जो  मेरी पोस्ट के लिए  हो ही


नहीं सकती थीं .  मैंने सबको रोक दिया  और  हमारी वाणी का  एक


चक्कर लगाया तो समझ आया कि कुछ  लोग  आल रेडी  किसी के पीछे


पड़े हुए हैं  और ख़ुद को बाघ-घाघ कहते  हुए किसी  तथाकथित  लोमड़ी 

को घेरने के  उपक्रम में व्यस्त हैं .



अब ये दुर्संयोग है  कि मेरी पोस्ट भी लोमड़ी  शीर्षक से  आई  और उन


लोगों ने समझ लिया कि  मैंने  उनके उस सन्दर्भ  में लिखा है.  लिहाज़ा


 मैं ये बात साफ़ कर दूं  कि मेरी लोमड़ी  अलग है,  कहने को वह भी एक

नारी है  परन्तु उसकी रचना  भगवान ने कुछ अलग ढंग से की है . वह


केवल  मुझ में दिलचस्पी रखती है . इसलिए  मैं  तो  उसके  लिए प्रार्थना


कर रहा हूँ ईश्वर से..........



अनजाने में मेरे द्वारा  एक ऐसी  महिला  को  तकलीफ  पहुंची जिनका मैं


स्वयं सम्मान करता हूँ  और जो  मुझे छेड़ती भी नहीं है. इसलिए उस 


मित्र महिला के  सम्मान  में मैं मेरी लोमड़ी  वाली  पोस्ट डिलीट  कर

रहा हूँ  ताकि  मेरा कन्धा किसी और की  बन्दूक के लिए इस्तेमाल न हो


जय हिन्द !

hasyakavi  albela khatri & khyali saharan  on stage

4 comments:

देवेंद्र मिश्र DEVENDRA MISHRA May 26, 2012 at 9:26 AM  

namskar mahoday. maa vagdevi ki aap par sadev kripa bani rahe

Arun sathi May 26, 2012 at 10:28 AM  

भाई क्या नफरत का यह सिलसिला रूक नहीं सकता? बहुत तकलीफ देती है जब बौद्धिक लोग यह करते है...

Unknown May 26, 2012 at 10:35 AM  

@अरुण साथी जी,
नफरत बौद्धिक लोग ही फैलाते आये हैं . बुद्धू बेचारे कहाँ इस चक्कर में पड़ते हैं . आम आदमी के पास तो बच्चों और पत्नी से प्यार करने को समय नहीं है तो वो गैरों से नफरत की फ़ुर्सत कहाँ से लाएगा ? पर आप निश्चिन्त रहें मैंने अपने आप को बहुत संयत कर लिया है . जब तक कोई मेरे पीछे लट्ठ लेकर नहीं पड़ता तब तक मैं उसे नहीं छेड़ता ............मेरे पास भी टाइम कहाँ है भाई ?

DR. ANWER JAMAL May 26, 2012 at 12:08 PM  

टाइम कहाँ है भाई ?

nice.

Post a Comment

My Blog List

myfreecopyright.com registered & protected
CG Blog
www.hamarivani.com
Blog Widget by LinkWithin

Emil Subscription

Enter your email address:

Delivered by FeedBurner

Followers

विजेट आपके ब्लॉग पर

Blog Archive