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Albela Khatri

शान्ति की राह पर चलना चाहता हूँ ..मुझे चलने दो मेरी गति से.......शूल बन कर राह में मत लेटो



जब एक बार मैंने लिखित रूप से  मान लिया कि  भावावेश  में आकर मेरे

द्वारा लिखी गईं  कुछ  पोस्ट्स  अच्छी  नहीं थी, घटिया थी, वैमनस्यपूर्ण


थी और उन सबको डिलीट करते हुए मैं  भविष्य में  सौहार्द्रपूर्ण  सार्थक


पोस्ट ही लिखूंगा . तो अब और क्या कहने को बाकी रह गया भाई ?



क्यों  मुझे  बार बार उकसाने को  गुमनामी के नाम से ऐसी टिप्पणियां


कर रहे हो जो  कि  कोई भी बर्दाश्त  नहीं कर सकता .  क्यों मुझे

unknown नम्बरों से  फोन करके  मेरा उपहास उड़ाया जा रहा है  ? 

 


एक बार पुनः  विनम्र  प्रार्थना करता हूँ  कि  ये ओछी हरकतें  बन्द करो, 


आप जो  भी हो,  मैं आपको  आपके दड़बे से खींच  निकालने में सक्षम


हूँ . परन्तु  शान्ति की राह पर  चलना चाहता हूँ ..मुझे चलने दो मेरी गति


से.......शूल बन कर राह में मत लेटो..........प्लीज़ .


जय हिन्द ! 
सूरत में चैम्बर्स  ऑफ़ कॉमर्स द्वारा  आयोजित हास्य महोत्सव  का सूत्र   संचालन  करते हुए हास्यकवि  अलबेला खत्री 
 

10 comments:

सुज्ञ May 23, 2012 at 4:30 PM  

अविचलित रहें अलबेला जी, मानकर चलें कि दृढमनोबल व समता भाव परखने का अनुकूल अवसर प्राप्त हो रहा है :)

DR. ANWER JAMAL May 23, 2012 at 4:38 PM  

Nice post.

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' May 23, 2012 at 6:03 PM  

शुभकामनाएँ!

अजय कुमार झा May 23, 2012 at 6:51 PM  

आप अपने मन की सुनें सिर्फ़ और ब्लॉग पर बेनामी टिप्पणियों का विकल्प बंद करें । यदि फ़िर भी कोई उठापटक करे तो उस टिप्पणी को सीधा बाहर का रास्ता दिखा दें । फ़ोन की शिकायत कर दें सारे अनजाने नंबरों की जान निकल जाएगी । फ़िर कह रहा हूं कि अपने मन की सुनें और विचलित तो कतई न हों । शुभकामनाएं वापसी के लिए

Unknown May 23, 2012 at 7:09 PM  

अजय कुमार झा has left a new comment on your post "शान्ति की राह पर चलना चाहता हूँ ..मुझे चलने दो मे...":

आप अपने मन की सुनें सिर्फ़ और ब्लॉग पर बेनामी टिप्पणियों का विकल्प बंद करें । यदि फ़िर भी कोई उठापटक करे तो उस टिप्पणी को सीधा बाहर का रास्ता दिखा दें । फ़ोन की शिकायत कर दें सारे अनजाने नंबरों की जान निकल जाएगी । फ़िर कह रहा हूं कि अपने मन की सुनें और विचलित तो कतई न हों । शुभकामनाएं वापसी के लिए

ZEAL May 23, 2012 at 7:58 PM  

खत्री जी,
आपकी दोनों पोस्ट पढ़ी। आपने अपनी सुहृदयता का परिचय दिया है। जो गुमनामी बनकर आपको trigger भेज रहे हैं। उन पर ध्यान न दें। मोडरेशन सक्षम करें। शुभ कामनाएं ।

शिवम् मिश्रा May 23, 2012 at 8:31 PM  

अजय झा जी की राय पर जल्द से जल्द अमल कर लीजिये ! एक बार जब आपने मन पक्का कर लिया है तो फिर इन सब बातों पर गौर न करें !

Unknown May 23, 2012 at 9:25 PM  

शिवम् मिश्रा has left a new comment on your post "शान्ति की राह पर चलना चाहता हूँ ..मुझे चलने दो मे...":

अजय झा जी की राय पर जल्द से जल्द अमल कर लीजिये ! एक बार जब आपने मन पक्का कर लिया है तो फिर इन सब बातों पर गौर न करें !

डॉ. दिलबागसिंह विर्क May 24, 2012 at 6:17 AM  

आपकी पोस्ट 24/5/2012 के चर्चा मंच पर प्रस्तुत की गई है
कृपया पधारें
चर्चा - 889:चर्चाकार-दिलबाग विर्क

M VERMA May 24, 2012 at 6:20 PM  

एकला चलो रे ...

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