मेरे देश के नालायक नेताओ !
तुम किसी काम के नहीं हो...........
महंगाई डायन तुम्हें खाती नहीं है
गरमी से भी जान जाती नहीं है
रेल हादसे तुम्हारा कुछ बिगाड़ नहीं पाते
नक्सलवादी भी एक बाल उखाड़ नहीं पाते
बाढ़ का पानी तुम्हारे घर में आता नहीं है
स्वाइन फ्लू का भी तुम से नाता नहीं है
प्रजा रो रही है पर तुम्हारी आँखें नम नहीं हैं
क्योंकि इन हालात का तुम्हें कोई ग़म नहीं है
तुम्हारे चेहरे पे लावण्य और दान्तों में चमक है
लगता है तुम्हारे टूथपेस्ट में सचमुच नमक है
जय हिन्द !
-अलबेला खत्री
3 comments:
बहुत जबरदस्त लिखा है यही कविता मोहम्मद नायाब जी ने ओपन बुक ऑनलाइन में पोस्ट की है अपने नाम से मामले की जांच चल रही है क्यूंकि वहां कोई किसी और की कविता पोस्ट नहीं कर सकता देखिये क्या सच्चाई निकल कर सामने आती है !!!
@Rajesh Kumari ji,
आदरणीय
नमस्कार
मैं नहीं जानता कि ये मोहम्मद नायब साहेब कौन हैं लेकिन ये कविता मेरी है और उन्हें मुझसे बिना पूछे प्रकाशित करने का कोई अधिकार नहीं है .
अगर आप लिंक उपलब्ध करदें तो कृपा होगी ...मैं देखना चाहता हूँ
-अलबेला खत्री
jabardast kataksha
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